Krishna Janmashtami 2021: अयोध्या में राम जन्मभूमि परिसर में कृष्ण जन्मोत्सव की धूम मची है. भगवान राम के आंगन में रात 12:00 बजे भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा. इसके लिए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के द्वारा विशेष तैयारियां की गई हैं. भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के उपलक्ष में सवा कुंटल पंजीरी का भोग लगाया जाएगा. 11 किलो पेड़ा और 25 किलो पंचामृत के साथ मौसमी फलों और मिष्ठान और व्यंजनों का भोग रामलला को लगाया जाएगा.
रात 12:00 बजे भगवान रामलला के अस्थाई मंदिर में कृष्ण भगवान का जन्म होगा और इस दौरान रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास भगवान कृष्ण की भव्य आरती उतारेंगे और भोग लगाने के बाद प्रसाद श्रद्धालुओं और रामलला के भक्तों में वितरित किया जाएगा. रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि भगवान राम लला का जन्म 12:00 बजे दोपहर में हुआ था तो भगवान कृष्ण का जन्म रात्रि 12:00 बजे हुआ था. 12 बजे रात्रि में भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाएंगे.
प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि भगवान राम और भगवान कृष्ण में कोई अंतर नहीं है. राम जन्मभूमि में जिस तरह से भगवान श्रीराम का जन्म उत्सव मनाया जाता है. उसी तरह से राम जन्मभूमि परिसर में अस्थाई मंदिर में भगवान कृष्ण का भी जन्म उत्सव मनाया जाएगा. भगवान कृष्ण का जन्म रात्रि 12:00 बजे होगा. भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के लिए सवा कुंटल पंजीरी बनी है.
पंजीरी
इसमें सिंघाड़े के आटे की पंजीरी है, रामदाना की पंजीरी है और धनिया की पंजीरी है. भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के भोग के लिए 11 किलो पेड़ा और 25 किलो पंचामृत का भी इस्तेमाल किया जाएगा. साथ ही भगवान के जन्म के बाद भोग के लिए सभी मौसमी फलों को भी शामिल किया जाएगा. भगवान के जन्म के बाद उनको इन सभी वस्तुओं का भोग लगेगा और उसके बाद भक्तों, श्रद्धालुओं और सुरक्षाबलों के बीच में भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव का प्रसाद वितरित किया जाएगा.
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