Janmashtami 2021 in Mathura: करोड़ों भगवान श्री कृष्ण के भक्त कान्हा के जन्म उत्सव को लेकर प्रतीक्षा करते हैं. भक्तों के अंदर एक भाव होता है. भगवान के शृंगार, पोशाक और मंदिर की व्यवस्थाओं को लेकर कि हमारे आराध्य का प्राकट्य उत्सव कैसा होगा, अबकी बार वेणु मंजिरिका ,पुष्पबंगले में विराजमान होकर कान्हा ओर राधा हरि चंद्रिका के पोशाक को धारण कर अपने करोड़ों भक्तों को दर्शन देंगे. 


रजत कमल पुष्प में ठाकुर जी का प्राकट्य एवं अभिषेक होगा. स्वर्ण मंडित रजत कामधेनु स्वरूपा दिव्य गो प्रतिमा ठाकुर जी का प्रथम अभिषेक करेंगी. गर्भ ग्रह में प्रवेश करते समय कारागार की अनुभूति होगी. नयनाभिराम जन्म स्थान की साज सज्जा होगी. कान्हा की इस पोशाक में जरी से अधिक रेशम के कार्य को प्रधानता दी गई है. इस पोशाक को हरि चंद्रिका का नाम दिया गया है. अबकी बार कान्हा और राधा इस पोशाक में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे. उस वक्त ऐसी अनुभूति होगी कि भगवान स्वयं ही यहां पर विराजमान हैं. टीवी चैनल पर जब भक्त इस पोशाक में भगवान को देखेंगे उनके दर्शन करेंगे तो वह नजारा दिव्य और भव्य होगा.


पोशाक बनाने में लगे 6-7 महीने


सभी आकृतियां उत्तीर्ण दिखाई देंगी. इस पोशाक में रेशम सिल्क कार्य मुख्य रूप से किया गया है. जरी का कार्य इस बार कम किया गया है. इस पोशाक को बनाने में 6 से 7 माह का समय लगा और 7 से अधिक कारीगरों ने इसमें 6 से 7 महीने तक भक्ति भाव से कार्य किया. जब कहीं जाकर इस पोशाक को तैयार किया गया. श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के सचिव कपिल शर्मा बताते हैं कि जैसे ही जन्मोत्सव का कार्यक्रम समाप्त होता है. उसी के बाद हम फिर अगले जन्म उत्सव की तैयारी में जुट जाते हैं और तभी से हमारे अंदर यह भाव रहता है कि अगली बार कान्हा ओर राधा को किस तरह की पोशाक धारण कराई जाएगी. 


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