जमीनी विवाद में तलवार से गला काटकर युवक की हत्या, आरोपी का पिता गिरफ्तार और बेटे की तलाश जारी
Jaunpur Murder: इस हत्याकांड को लेकर पुलिस अधीक्षक अजयपाल शर्मा ने कहा, ‘‘लालता यादव के बेटे रमेश यादव ने दिवाली से पहले आज सुबह विवादित जमीन से घास साफ करना शुरू किया, जिससे तनाव बढ़ गया.
UP News: उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के कबीरुद्दीनपुर गांव में बुधवार को जमीन विवाद को लेकर हुए झगड़े में 17 वर्षीय एक नाबालिग का तलवार से सिर कलम कर हत्या कर दी गई. पुलिस ने यह जानकारी दी. जिला प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार जमीन को लेकर यह विवाद 40 साल पुराना है और मामला फिलहाल दीवानी अदालत में है.
अधिकारियों ने बताया कि जिलाधिकारी दिनेश चंद्र ने लेखपाल (स्थानीय राजस्व अधिकारी) जगदीश यादव को निलंबित कर दिया है, जबकि क्षेत्र की देखरेख करने वाले राजस्व निरीक्षक मुन्नी लाल के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रशासन को रिपोर्ट भेज दी गई है. पुलिस अधीक्षक अजयपाल शर्मा ने बताया कि यह हिंसा गांव के रामजीत यादव और लालता यादव के बीच जमीन विवाद का परिणाम थी.
पुलिस अधीक्षक अजयपाल शर्मा ने कहा, ‘‘लालता यादव के बेटे रमेश यादव ने दिवाली से पहले आज सुबह विवादित जमीन से घास साफ करना शुरू किया, जिससे तनाव बढ़ गया. इस दौरान रमेश ने रामजीत यादव के बेटे अनुराग यादव पर तलवार से हमला कर उसका सिर धड़ से अलग कर दिया.’’
इस घटना के बाद लालता यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके बेटे रमेश की तलाश जारी है. किसी भी तरह की हिंसा को रोकने के लिए गांव में अतिरिक्त पुलिसबल तैनात किया गया है. इस मामले में गौराबादशाहपुर थाने में छह लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
अखिलेश यादव ने कानून-व्यवस्था पर उठाए सवाल
इस बीच, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हिंसा की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि राज्य में कानून-व्यवस्था खत्म हो गई है. अखिलेश यादव ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ आज की सरकार और अपराध के बीच एक अजीब विरोधाभासी रिश्ता है. एक तरफ दोनों साथ-साथ हैं, वहीं दूसरी तरफ सरकार जितनी कमजोर और निष्क्रिय होती जा रही है, अपराधी उतने ही ताकतवर और सक्रिय होते जा रहे हैं. आज का उत्तर प्रदेश कहता है कि हमें भारतीय जनता पार्टी नहीं चाहिए.’’
40 वर्ष पुराना है विवाद
अपर जिलाधिकारी (एडीएम) आर ए चौहान को मामले की मजिस्ट्रेट जांच करने और तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए नियुक्त किया गया है. एक बयान में जिलाधिकारी चंद्रा ने इस अपराध की निंदा की तथा जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त प्रशासनिक कार्रवाई का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि जमीन का यह विवाद 40 वर्ष पुराना है और वर्तमान में दीवानी अदालत में विचाराधीन है.
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