जौनपुर की अटाला मस्जिद मामले में आज नहीं हुई सुनवाई, अब इस दिन बैठ सकती है बेंच
याचिका में जौनपुर के जिला जज द्वारा पुनरीक्षण अर्जी पर दिए गए आदेश को चुनौती दी गई है. जिला जज ने इसी साल 12 अगस्त को आदेश जारी कर जौनपुर की जिला कोर्ट में दाखिल मुकदमे की पोषणीयता को मंजूरी दे दी थी.
उत्तर प्रदेश स्थित जौनपुर की अटाला मस्जिद विवाद से जुड़े मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज मामले की सुनवाई नहीं हो सकी. मामले की सुनवाई आज जिस बेंच में होनी थी, वह कोर्ट आज नहीं बैठी. मामला दूसरी बेंच में ट्रांसफर हुआ, लेकिन वहां भी सुनवाई नहीं हो सकी.
मामले की सुनवाई अब एक हफ्ते बाद होगी. मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को हो सकती है. मामले की सुनवाई जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच पर होनी थी . उनकी बेंच आज नहीं बैठने की वजह से मामला जस्टिस सलिल कुमार राय की कोर्ट में ट्रांसफर हुआ था.
16 दिसंबर को होने वाली सुनवाई में मस्जिद की जगह मंदिर का दावा करने वाले स्वराज वाहिनी संगठन को अपना जवाब दाखिल करना होगा. हिंदू पक्ष का जवाब तैयार हो चुका है. याचिका अटाला मस्जिद की वक्फ कमेटी की तरफ से दाखिल की गई है.
याचिका में जौनपुर के जिला जज द्वारा पुनरीक्षण अर्जी पर दिए गए आदेश को चुनौती दी गई है. जिला जज ने इसी साल 12 अगस्त को आदेश जारी कर जौनपुर की जिला कोर्ट में दाखिल मुकदमे की पोषणीयता को मंजूरी दे दी थी.
इससे पहले जौनपुर जिला कोर्ट के सिविल जज ने 29 मई को मुकदमे को अपने यहां रजिस्टर्ड कर सुनवाई शुरू किए जाने का आदेश दिया था. मुस्लिम पक्ष की तरफ से दाखिल याचिका में इन्हीं दोनों आदेशों को चुनौती दी गई है.
स्वराज वाहिनी एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष कुमार मिश्रा ने जौनपुर जिला कोर्ट में मुकदमा दाखिल कर यह दावा किया था. कहा था कि जौनपुर की अटाला मस्जिद को मंदिर को तोड़कर बनाया गया है. जिस जगह मस्जिद है, वहां पहले अटला देवी का मंदिर था. इस मंदिर का निर्माण 13वीं शताब्दी में राजा विजय चंद्र ने कराया था.
फिरोज शाह तुगलक ने जौनपुर पर कब्जा करने के बाद मंदिर को मस्जिद में तब्दील कर दिया था. याचिका में अटाला मस्जिद को अटाला देवी का मंदिर बताते हुए पूजा अर्चना की इजाजत दिए जाने की मांग की गई है.