Jaunpur News: 3 साल की उम्र में छूटा पिता का साथ, अब कुश्ती से जिले का नाम किया रौशन, रूस में ग्रेपलिंग कुश्ती में जीता कांस्य
जौनपुर (Jaunpur) जिले की निवासी नम्रता यादव (Namrata Yadav) ने रूस (Russia) में आयोजित ग्रेपलिंग कुश्ती (Grappling Wrestling) में कांस्य (Bronze Medal) पदक जीता है.
UP News: जौनपुर (Jaunpur) जिले के बदलापुर (Badlapur) थाना अंतर्गत तियरा गांव निवासी नम्रता यादव (Namrata Yadav) ने जिले का नाम रौशन किया है. पिछले दिनों रूस (Russia) में आयोजित ग्रेपलिंग कुश्ती (Grappling Wrestling) में जौनपुर की इस बेटी ने कांस्य (Bronze Medal) पदक जीता था. नम्रता यादव जब घर लौटी तो उनकी जीत पर बधाई देने के लिए पूरा जिला उमड़ पड़ा.
राज्यस्तर पर भी किया है कमाल
एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली यादव जब तीन साल की थीं तो सिर से पिता का साया उठ गया. मां अनिता देवी उनको लेकर मछलीशहर तहसील के बरईपार नेवढ़िया गांव चली आईं. मछलीशहर के शिवगोविंद महाविद्यालय से उनकी शिक्षा चल रही है. शुरुआती दिनों में ही कुश्ती के प्रति लगाव देख कोच मनोज यादव ने उन्हें दांव पेंच सीखने शुरू कर दिए. इसका नतीजा ये निकला कि वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की तरफ से नम्रता यादव ने लगातार चार बार गोल्ड मेडल जीते.
उनकी इस कामयाबी पर उत्तर प्रदेश की टीम में उनका चयन हो गया. अक्टूबर 2021 में नई दिल्ली में आयोजित ग्रेपलिंग कुश्ती प्रतियोगिता में हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और हिमाचल के खिलाड़ियों को उन्होंने पटखनी दी. इसके बाद उनका सफर रुकने का नाम नहीं ले रहा था. हालांकि आर्थिक संकट उनके लिए सबसे बड़ा रोड़ा था.
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जौनपुर में जबरदस्त स्वागत
सपने तो ऊंचे थे लेकिन जेब खाली थी. इसी बीच रूस में आयोजित प्रतियोगिता के लिए नम्रता का चयन हो गया. नम्रता रूस पहुंची तो हजारों ने तिरंगे का मान घटने नहीं दिया, एक-एक कर खिलाड़ियों को मात देते हुए वह सेमीफाइनल तक पहुंच गई. हालांकि वहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इस प्रतियोगिता में उन्हें कांस्य पदक से नवाजा गया. नम्रता के पदक मिलने की खबर जब जौनपुर आई तो यहां लोगों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी.
इसके बाद सभी को इंतजार था नम्रता के वापस गांव आने का. शनिवार की देर शाम जब नम्रता अपने गांव पहुंचे तो वहां जीत की बधाई देने वालों का तांता लग गया. लोगों ने पूरे बदलापुर में जुलूस निकालकर उन्हें बधाई दी. अब नम्रता का सपना अपने पदक के सफर को आगे बढ़ाने का है.
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