UP News: जौनपुर (Jaunpur) में गरीबों को छत दिलाने के उद्देश्य से कांशीराम आवास योजना (Kanshiram Awas Yojna) के तहत बनाई गई इमारत राजनीतिक उपेक्षा का शिकार हो रही है. पूर्व की बसपा सरकार ने इसकी बुनियाद रखी थी. इसके बाद सरकारें बदलीं लेकिन इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया. आवास बनवाने के लिए 75 फीसदी राशि का भुगतान भी हो चुका है. बावजूद इसके न तो आवास का काम पूरा हुआ न गरीबों को छत मिली है.


बनने थे 500 मकान, एक मकान का काम नहीं हुआ पूरा


जौनपुर के सिद्धीकपुर में बने आवास खंडहर की तरह दिखने लगे हैं. यहां गरीबों को लगभग 500 मकान दिए जाने थे. इसके लिए साल 2008-09 में कांशीराम ग्रामीण गरीब आवास योजना को तत्कालीन बसपा सरकार ने मंजूरी मिली थी. निर्माण के लिए 75 प्रतिशत धनराशि भी जारी कर दी गई थी. इसको बनाने का ज़िम्मा आवास विकास परिषद को दिया गया था. काम बहुत जोर शोर से शुरू तो हुआ लेकिन अंजाम तक नहीं पहुंच सका. 


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यहां खड़ा रह गया केवल ढांचा


यहां इमारत खड़ी तो हो गई मगर काम पूरा होने से पहले ही सूबे की बसपा सरकार चुनाव हार कर सत्ता से बाहर हो गई और अखिलेश यादव ने प्रदेश की कमान संभाली लेकिन कांशीराम आवास योजना उनकी फेहरिस्त से गायब हो गई. हालांकि अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट मेडिकल कॉलेज के सामने ही कांशीराम आवास को बनाया जा रहा था. 2017 और 2022 में बीजेपी प्रदेश में आई लेकिन इसकी सुध किसी ने नहीं ली. 14 वर्षों से काशीराम आवास के तहत मकान निर्माण का काम पूरा नहीं हो पाया है. केवल ढांचे के निर्माण में  करोड़ों रुपए खर्च कर दिए गए हैं, लेकिन खिड़की-दरवाज़े, पानी की सप्लाई, बिजली, बाहरी दीवारों पर प्लास्टर का काम बचा रह गया.


मामले में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट और सदर एसडीएम हिमांशु नागपाल ने बताया कि आवास निर्माण को पूरा कर गरीबों को आवंटित कर दिया जाना चाहिए था. सरकार को अवगत कराकर अधूरे पड़े काम को पूरे कराने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.


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