UP News: उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) गठबंधन में खटपट की खबरें आईं. लेकिन अब निकाय चुनाव खत्म होते ही एक नए मसले पर चर्चा शुरू हो गई है. राज्य में बीजेपी (BJP) के खिलाफ विपक्ष का एक गठबंधन बनाने पर चर्चाएं हो रही हैं. इसपर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के बाद जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) की प्रतिक्रिया आई है. 


दरअसल, कर्नाटक चुनाव में जीत के बाद से बीजेपी के विरोधियों का कांग्रेस के प्रति नरम रुख दिखा है. इसी क्रम में पहले अखिलेश यादव ने कांग्रेस के साथ गठबंधन के संकेत दिए. इसके बाद जयंत चौधरी ने सपा के साथ गठबंधन की बात एक बार फिर दोहराई है. लेकिन कांग्रेस की उन्होंने जमकर तारीफ कर दी और बड़ा सियासी संकेत दे गई. निकाय चुनाव के नतीजों के बाद जयंत चौधरी ने जनता के बीच रहने का फैसला किया है. 


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क्यों नहीं किया प्रचार?
जयंत चौधरी ने कहा, "हम अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को इमपॉवर करेंगे. उनका वजूद हम आगे बढ़ाएंगे. इससे हमें नई लीडरशिप मिलेगी. हमारी लीडरशिप केवल चंद घरानों के अंतरगत नहीं है. हमारा गठबंधन पूरे प्रदेश में नहीं हुआ, इसलिए मैंने फैसला किया था कि मैं प्रचार नहीं करूंगा. तब मैंने फैसला किया था कि हमारे कार्यकर्ताओं को ही चुनाव लड़ने दिया जाए और उनके हाथ में ही बागडोर रहे."


आरएलडी प्रमुख ने आगे कहा, "इस वजह से प्रचार प्रसार उन्होंने संभाला था. हमारा गठबंधन बिल्कुल सही चल रही है. छोटे स्तर पर मुश्किल होता है. उन्होंने जो फैसला किया था वो सोच समझकर लिया होगा. मैं अपने प्रदर्शन पर कह सकता हूं कि वो अच्छा रहा. कांग्रेस बेहतर कर रही है. कांग्रेस विपक्ष का रोल अदा कर रही है. ये समय बताएगा कि क्या स्थिति बनती है, किसके साथ गठबंधन होता है." यानी उन्होंने अखिलेश यादव को गठबंधन पर अलर्ट करने वाला संदेश दिया है.