(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Lok Sabha Election 2024: अखिलेश यादव की गमछा पॉलिटिक्स में उलझे जयंत चौधरी, दो तस्वीरें बनी गवाह
UP Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में पहले चरण के लिए वोटिंग से ठीक पहले बीजेपी और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की रणनीति की वजह से सियासी जंग काफी रोचक हो चली है.
Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में पहले चरण के लिए समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने मोर्चा संभाल लिया है. 12 अप्रैल के बाद से हर दिन वह पश्चिमी यूपी में चुनाव प्रचार करते नजर आए हैं. इस दौरान उनके हाव-भाव के साथ कई और पहलुओं की चर्चा हो रही है. उनकी रणनीति से पुराने विरोधियों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है.
दरअसल, बीते चार दिनों के पश्चिमी यूपी में अखिलेश यादव के चुनावी रैली पर नजर डालें तो हर दिन वह अपने आम दिन के पहनावे से अलग गमछे के साथ नजर आ रहे हैं. इस वजह से अखिलेश यादव के गमछा पॉलिटिक्स की चर्चा बीते कुछ दिनों में काफी हो रही है. राजनीति के जानकारी इसे पश्चिमी यूपी में किसानों और जाट समुदाय से जोड़कर देख रहे हैं.
सपा की रणनीति
इस दौरान उनकी हर रैली के लिए बन रहे पोस्टर्स पर गौर करें तो चौधरी चरण सिंह को भी जगह दी जा रही है. राजनीति को समझने वाले सपा के इन दोनों ही फैसलों के पीछे पार्टी की रणनीति को मानते हैं. इस इलाके में अभी कुछ दिनों से ठाकुरों की नाराजगी की अटकलें हैं. अब इस स्थिति में बीजेपी और सपा दोनों ही गठबंधनों के लिए ठाकर, जाट और ओबीसी वोट काफी अहम हो गया है.
इस इलाके में मुस्लिम वोटर्स बीते कुछ चुनावों के दौरान सपा के साथ रहे हैं और इस बार भी अभी तक ऐसा ही होते नजर आ रहा है. लेकिन अब अगर सपा ठाकुरों और जाट समाज के कुछ वोटर्स को बीजेपी से दूर कर अपने पाले में लाने में सफल रही है इसका बड़ा असर चुनाव के परिणामों पर पड़ सकता है. अखिलेश यादव की इसी रणनीति के कारण जयंत चौधरी भी पूरी तरह एक्टिव नजर आ रहे हैं.
ठाकुरों की नाराजगी से बीजेपी अलर्ट
इतना ही नहीं, इस इलाके में बीजेपी के लिए इस चुनाव में जाट और ठाकुर वोटर्स के साथ ही ओबीसी वोट भी अहम होने जा रहा है. यही कारण है कि एनडीए के लिए जयंत चौधरी के साथ हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी पूरी तरह मैदान में नजर आ रहे हैं. पश्चिमी यूपी की राजनीति को समझने वाले बताते हैं कि ठाकुर वोटर्स की नाराजगी और अखिलेश यादव की रणनीति के कारण बीजेपी पूरी तरह अलर्ट है.
पार्टी ने जयंत चौधरी के साथ हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को जिम्मेदारी दे रखी है. नायब सिंह सैनी ओबीसी समाज से ताल्लुक रखते हैं और अब अगर जयंत चौधरी के साथ उनकी जोड़ी अगर सही बैठी तो बीजेपी के लिए इस चुनाव में पश्चिमी यूपी को साधना आसान हो जाएगा. हालांकि बीते कुछ दिनों के दौरान जो तस्वीरें सामने आई हैं उसमें कई मौकों पर जयंत चौधरी और नायब सिंह सैनी पश्चिमी यूपी के मंच पर बीजेपी के लिए साथ दिख रहे हैं.
यानी देखा जाए तो बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए में अखिलेश यादव की गमछा पॉलिटिक्स ने जयंत चौधरी के लिए उलझन बढ़ा दी है. इसकी गवाही सोमवार को सामने आई एक और तस्वीर दे रही है.