UP Politics: जयंत चौधरी की 'संजीवनी' से रालोद होगी मजबूत! सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का भी बढ़ेगा कद?
UP News: राष्ट्रीय लोकदल की आगरा इकाई समरसता कार्यक्रम को सफल बनाने में जुटी हुई है. इसी अभियान के तहत जयंत चौधरी के दौरे का दूसरा दिन मलपुरा के जरुआ कटरा में था.
Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के बाद सभी दल 'मिशन 24' की तैयारियों में जुट गए हैं. इसी बीच राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी इस समय आगरा में अपनी सियासी जमीन तलाशने में जुटे हुए हैं. रालोद अध्यक्ष जंयत चौधरी समरसता अभियान के तहत लोगों के बीच जा रहे हैं. माना जा रहा है कि जंयत चौधरी के इस अभियान को कार्यकर्ता पार्टी के लिए 'संजीवनी' के रूप में देख रहे हैं. क्योंकि रालोद कार्यकर्ताओं का मानना है कि जयंत का यह अभियान पार्टी को मजबूती दिलाएगा.
बता दें कि जयंत चौधरी ने 27 और 28 मई को आगरा के कई गांवों में समरसता अभियान के तहत नुक्कड़ सभाओं में भाग लिया. इस समय आगरा की जाट बाहुल्य फतेहपुर-सीकरी लोकसभा पर भी आरएलडी की नजर बनी हुई है और इसलिए जयंत चौधरी यहां पर पिछले दो दिनों से डेरा डाले हुए थे. जंयत जाटों के अलावा दूसरी जातियों को पार्टी से जोड़ने की कोशिश करने में जुटे हैं, रालोद के समरसता अभियान का मकसद सामाजिक दायरा बढ़ाना ही है. वहीं राष्ट्रीय लोकदल की आगरा इकाई समरसता कार्यक्रम को सफल बनाने में जुटी हुई है. इसी अभियान के तहत जयंत चौधरी के दौरे का दूसरा दिन मलपुरा के जरुआ कटरा में था. यहां पर कार्यकर्ताओं ने जयंत का भव्य स्वागत किया था और समरसता अभियान के तहत लोगों के बीच पहुंचे.
अखिलेश यादव को भी मिलेगी मजबूती?
बता दें कि इस समय समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव और रालोद अध्यक्ष जंयत चौधरी का गठबंधन है. हाल ही में हुए निकाय चुनाव में रालोद ने शानदार प्रदर्शन किया था और कई सीटों पर उसे जीत भी मिली थी. वहीं रालोद की जीत से अखिलेश का भी कद बढ़ सकता है, क्योंकि आगरा में जहां 2004 के बाद सपा को इस सीट पर जीत नहीं मिली है वहीं फतेहपुर सीकरी में साल 2009 के बाद सपा इस सीट पर वापसी नहीं कर पाई है. हालांकि अब जंयत की मेहनत से अखिलेश को मजबूती मिल सकती है क्योंकि दोनों पार्टी मिलकर चुनाव लड़ेंगी तो इन सीटों पर सपा-रालोद गठबंधन को काफी फायदा हो सकता है.