Jayant Chaudhary meet martyr's family in Agra: पुलवामा अटैक में शहीद हुए कहरई गांव निवासी कौशल कुमार रावत की पत्नी ममता रावत और उनके परिजनों को अभी हाल ही में बीजेपी की संगठनात्मक बैठक में शामिल होने आए मुख्यमंत्री से आगरा प्रशासन ने मिलने नहीं दिया. जिसके बाद राजनीति गरमा गई है. एक तरफ पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट करके भाजपा के राष्ट्रवाद पर सवाल खड़े किए हैं तो वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी शहीद के परिवार से मिलने कहरई गांव पहुंचे.
सरकार शहीदों में फर्क क्यों कर रही है
जयंत चौधरी ने शहीद की पत्नी ममता रावत, मां सुधा रावत और उनके बच्चों से मुलाकात की. मुलाकात के बाद एबीपी गंगा से मुखातिब जयंत चौधरी ने कहा कि मैं इस मामले में राष्ट्रपति को पत्र लिखूंगा और अगर पीड़ित परिवार की मांग नहीं मानी गई तो पार्टी सड़क पर प्रदर्शन करेगी. जयंत चौधरी ने सवाल खड़े किए कि जो परिवार इतनी बड़ी कुर्बानी दे सकता है उसकी कदर सरकार क्यों नहीं कर रही है. ये पीड़ित परिवार के साथ अन्याय है, देश के साथ अन्याय है. जयंत चौधरी ने आगे कहा कि सरकार ने जमीन आवंटित नहीं की, सरकार शहीदों में फर्क क्यों कर रही है.
पुलिस ने आतंकियों की तरह बर्ताव किया
वहीं, इसको लेकर शहीद की पत्नी ममता रावत का कहना है कि 8 अगस्त को पुलिस ने हमसे आतंकियों की तरह बर्ताव किया. जब हम मुख्यमंत्री से मिलने जा रहे थे तो हमें मुख्यमंत्री से नहीं मिलने दिया गया. हमें कई घंटे थानों में बिठाकर रखा गया और आज जयंत चौधरी हमारे पास आए और उन्होंने हमारा दर्द को साझा किया. हमारी अभी कई मांगे हैं जो पूरी नहीं हुई हैं.
पूरी नहीं हुई है मांग
शहीद के बेटे अभिषेक रावत का कहना है कि जुलाई महीने में जब उनका परिवार धरने पर बैठा था तो उनकी कुछ मांगे प्रशासन ने पूरी कर दी. जिसमें बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा दिया गया एक दिन के वेतन के रूप में उनको 65 लाख 57 हजार का चेक मिल गया है. लेकिन, अभी भी नियम के मुताबिक शहीद के परिवार को मिलने वाले जमीन, बिजली का फ्री कनेक्शन, शस्त्र लाइसेंस और पुलिस एवं अन्य विभागों द्वारा एक दिन के वेतन की घोषणा की गई थी लेकिन ना पैसा मिला और ना ही अभी तक शहीद की मूर्ति का अनावरण हुआ है.
ठीक नहीं है सरकार का बर्ताव
कांग्रेस ने भी इस मामले में भाजपा सरकार पर सवाल खड़े कर रही है कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उपेंद्र सिंह ने भी आज शहीद के परिवार से मुलाकात की और सरकार पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि सरकार का शहीद के परिवार के साथ बर्ताव ठीक नहीं है. कुल मिलाकर शहीद के परिवार की मांगे अभी पूरी ना होने की वजह से परिवार का कहना है कि उनका अनशन जारी रहेगा. वहीं, इस मामले में विपक्ष को भी राजनीति करने का मौका मिल गया है.
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