Parliament Monsoon Season 2024: राज्यसभा में शुक्रवार को सपा सांसद जया बच्चन और सभापति जगदीप धनखड़ के बीच तीखी बहस हो गई. जिसके बाद जमकर हंगामा देखने को मिला. विपक्षी दलों ने नारेबाजी करते हुए सदन से वाक आउट कर दिया. वहीं नेता सदन जेपी नड्डा विपक्ष के इस रवैये के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाए. इस पूरे घटनाक्रम की राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया और केंद्र सरकार में मंत्री जयंत चौधरी ने कड़ी निंदा की है. 


रालोद नेता जयंत चौधरी ने जया बच्चन के बयान और उसके बाद विपक्ष के रवैये को लेकर सवाल उठाए और निंदा प्रस्ताव पर बोलते हुए कहा कि विपक्ष सुनियोजित तरीके से ऐसा व्यवहार कर रहा है. जयंत ने राज्यसभा में कहा- 'सीनियर सदस्य (जया बच्चन) ने आपको एक सहकर्मी कहा..सर जिस पदभार को आप संभाल रहे हैं उसकी एक मर्यादा है. हम सब सदन के बाहर सहयोगी हो सकते हैं और दोस्त हो सकते हैं लेकिन चेयर पर बैठे शख्स को सहयोगी कहना संसदीय परंपराओं के विरुद्ध है. 


जयंत चौधरी ने की विपक्ष के रवैया की आलोचना
जयंत चौधरी ने कहा कि आप (सभापति जगदीप धनखड़) खुला संवाद करते हैं. चेयर पर बैठकर आप सदस्यों को पूरा मौका देते हैं. जो भी आपका फैसला होगा...मैं ये अपील करता हूं कि सख्ती होनी चाहिए. एक बार कोई गलती करता है तो मानी जाती है. लेकिन, बार-बार संयोजित तरीके से सदन में खलल डालना ताकि देश के आगे हम फेस न कर पाएं ये सही नहीं है. 



जयंत चौधरी के इस बयान को रालोद पार्टी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भी शेयर किया और लिखा- 'सदन में विपक्षी सांसदों द्वारा लगातार हंगामे के साथ सदन न चलने देने की कोशिश तथा विपक्षी सांसद द्वारा सभापति को सहकर्मी कह कर संबोधित करने पर  संविधान और संसदीय मर्यादा को सर्वोपरि मानने वाले केंद्रीय मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) चौधरी जयन्त सिंह जी ने सदन में इसकी कड़ी निंदा की और विपक्ष के इस असंसदीय कृत्य पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की. 


बता दें कि शुक्रवार को राज्यसभा में कार्रवाई के दौरान जब जया बच्चन के बोलने की बारी तो आई सभापति ने उनका नाम पुकारा. इस पर जया बच्चन ने कहा, "मैं कलाकार हूं, बॉडी लैंग्वेज समझती हूं और एक्सप्रेशन (भाव) समझती हूं. मुझे माफ कीजिएगा सर, लेकिन आपका जो टोन है, वो मुझे स्वीकार नहीं है. हम सहकर्मी हैं, भले ही आप चेयर पर क्यों नहीं बैठे हों." इस पर सभापति ने कहा, "ये धारणा नहीं रखें कि सिर्फ आपकी ही प्रतिष्ठा है. एक वरिष्ठ संसद सदस्य के रूप में आपके पास सभापति की प्रतिष्ठा को कम करने का लाइसेंस नहीं है." इसके बाद दोनों पक्षों में जबरदस्त गहमागहमी देखने को मिली. 


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