2000 Rupees Note: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2 हजार रुपये के नोट को सितंबर, 2023 के बाद चलन से बाहर करने की शुक्रवार को घोषणा की. इस नोट को बैंकों में 23 मई से जाकर बदला जा सकता है. वहीं आरबीआई के इस फैसले पर रालोद की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. राष्ट्रीय लोक दल व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित अग्रवाल ने सरकार पर हमलावर होते हुए कहा की जनता के साथ यह अत्याचार है. रालोद नेता ने कहा कि साल 2016 में एक बार अपने ऐसे ही निर्णय से मोदी सरकार ने बड़े-बड़े दावे किए थे परंतु हाथ कुछ नहीं लगा था. एक बार पुनः जनता को लाइन में खड़ा करने की साजिश है ताकि मूलभूत समस्याओं पर बात ना की जा सके. पहले से परेशान चल रहे व्यापारी अब नई समस्या का सामना करेंगे.


रालोद नेता रोहित अग्रवाल ने कहा पहले से बाजार में लेन देन के लिए पर्याप्त रुपया ना होने के कारण व्यापारी परेशान चल रहा है और उसकी व्यापार ना के बराबर है. अब इस तरीके के नए निर्णय से व्यापारियों के सामने नई परेशानियां खड़ी हो जाएंगी. एक तरफ तो सरकार विदेशों में जाके उद्योग को बढ़ावा करने का दावा कर रही है. वहीं ऐसा प्रतीत हो रहा है यह सरकार सिर्फ चंद उद्योगपतियों के लिए काम करना चाहती है और छोटे व खुदरा व्यापारियों को समाप्त कर देना चाहती है. खराब अर्थव्यवस्था के दौरान इस तरीके का निर्णय आना किसी भी तरीके से देश हित में नहीं कहा जा सकता.



वहीं रालोद ने अपने ट्विटर पर इस फैसले को लेकर तंज कसा है. रालोद ने ट्वीट कर लिखा- "जयंती  08 नवंबर 2016 पुण्यतिथि 30 सितंबर 2023 #Demonetisation" आरबीआई ने शाम को जारी एक बयान में कहा कि अभी चलन में मौजूद 2,000 रुपये के नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे. आरबीआई ने बैंकों को 30 सितंबर तक ये नोट जमा करने एवं बदलने की सुविधा देने को कहा है. बैंकों में 23 मई से 2,000 रुपये के नोट बदले जा सकेंगे. हालांकि एक बार में सिर्फ 20,000 रुपये मूल्य के नोट ही बदले जाएंगे, इसके साथ ही आरबीआई ने बैंकों से 2,000 रुपये का नोट देना तत्काल प्रभाव से बंद करने को कहा है. आरबीआई ने नवंबर 2016 में 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोट चलन से हटाने के बाद 2,000 रुपये के नोट जारी किए थे.


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