Sengol In Parliament: समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी ने देश की संसद से सेंगोल हटाए जाने की मांग की है. उन्होंने इसे राजतंत्र का प्रतीक बताते हुए इसकी जगह भारतीय संविधान की कॉपी लगाने की मांग की है, जिसके बाद इस मुद्दे पर सियासत गर्मा गई है. बीजेपी समेत तमाम एनडीए के तमाम सहयोगियों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. रालोद प्रमुख जयंत चौधरी कहा कि इसका कोई अर्थ नहीं वहीं अनुप्रिया पटेल ने भी दो टूक जवाब दिया है. 


सपा सांसद आरके चौधरी की मांग पर  राष्ट्रीय लोकदल के नेता और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने कहा कि इसका कोई अर्थ नहीं है.  यह केवल चर्चा में बने रहने के लिए है. वहीं केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि "सेंगोल की स्थापना हुई, तब भी समाजवादी पार्टी सदन में थी, उस समय उसके सांसद क्या कर रहे थे?" वहीं गोरखपुर से बीजेपी सांसद रवि किशन ने कहा, 'वे भगवान राम को बदलना चाहते हैं, दूसरे दिन उन्होंने अपने सांसद की तुलना भगवान राम से की.'


सेंगोल हटाने की मांग पर बोले मंत्री बीएल वर्मा


इनके अलावा केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा ने कहा, "समाजवादी पार्टी के सांसद जो ऐसा कह रहे हैं, उन्हें पहले संसदीय परंपराओं को जानना चाहिए और फिर बोलना चाहिए और वे ऐसी चीज को हटाने की बात कर रहे हैं जो स्वाभिमान का प्रतीक है. मुझे लगता है कि उन्हें कहीं न कहीं संविधान और संसदीय परंपराओं को देखना चाहिए."


जानें- क्या है पूरा मामला?


दरअसल यूपी की मोहनलालगंज सीट से सपा सांसद आरके चौधरी ने प्रोटेम स्पीकर को चिट्ठी लिखकर संसद से सेंगोल को हटाने की मांग की थी. उनका कहना है कि  देश की संसद संविधान से चलेगी. ये लोकतांत्रिक व्यवस्था है और सेंगोल देश में राजतंत्र व्यवस्था का प्रतीक है. यहां राजतंत्र नहीं लोकतंत्र है और लोकतंत्र का जो प्रहरी है वो संविधान है. इसलिए हमने मांग की है सेंगोल को संसद से हटाया जाए. हालांकि उन्होंने इसे अपनी व्यक्तिगत राय बताया है. 


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