Jhansi Hospital Fire: उत्तर प्रदेश के झांसी में कल रात शुक्रवार (15 नवंबर) को मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई(NICU) में भीषण आग लग गई, जिसमें 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई थी.डिप्टी सीएम बृजेश पाठक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग की बैठक लेने के लिए पहुंचे. विभाग के सभी बड़े अफसर बैठक में मौजूद हैं.
बैठक में जरूरी दिशा निर्देश दिए जाएंगे. इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति ना हो इसको लेकर निर्देश दिए जा रहे हैं. सभी अस्पतालों में मानक के अनुरूप लगाए जाएं यंत्र और ज़रूरी व्यवस्था कराये जाने पर विचार विमर्श होगा. बता दें कि झांसी घटना के बाद तमाम शहरों में विभाग अलर्ट है.फायर सिस्टम की जांच हो रही है और कई जगहों पर खराब मिला है. लखनऊ में 80 अस्पतालों को गाइडलाइन का पालन नहीं करने पर नोटिस दिया जा चुका है.
कैसे हुई इतनी बड़ी घटना
इतनी बड़ी घटना अचानक कैसे हुई जब इसके बारे में झांसी के चीफ मेडिकल सुपरिटेंडेंट सचिन मोहर से पूछा गया तो उन्होंने बताया था कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में आग लगने से हादसा हुआ है. उन्होंने यह भी बताया कि एनआईसीयू वार्ड में 54 बच्चे भर्ती थे और अचानक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में आग लग गई. हमने जितनी कोशिश की जा सकती थी सभी बच्चों को सकुशल बाहर निकाला, फिर भी 10 बच्चों की मौत हो गई.
झांसी हादसे पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा 10 बच्चों की वहां दुखद मृत्यु हुई है. स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम, मेडिकल कॉलेज की पूरी टीम, प्रशासन और पुलिस प्रशासन की पूरी टीम सभी को सुरक्षित निकालने में सफल रही लेकिन मेरी संवेदना उन सभी परिजनों के प्रति है जिन्होंने अपने मासूम बच्चों को खोया है.
सरकार ने किया आर्थिक मदद का ऐलान
झांसी हादसे के बाद घटना की जानकारी मिलते ही यूपी के डिप्टी सीएम भी घटनास्थल पर पहुंच गए थे. उन्होंने वहां मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि हम परिजनों के साथ मिलकर बच्चों की पहचान कर रहे है. इस घटना की उच्च स्तरीय जांच होगी और अगर किसी स्तर पर लापरवाही पाई जाएगी तो उस पर कार्रवाई होगी.
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