Jhansi Medical College Fire Updates: उत्तर प्रदेश के झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात गहन चिकित्सा (एनआईसीयू) वार्ड में लगी आग की वजह से 10 नवजातों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि इस हादसे में कई बच्चे घायल हुए. इस घटना के बाद से अस्पताल प्रबंधन पर कई सवाल उठ रहे हैं कि वहां सुरक्ष के पुख्ता इंतजाम नहीं थे. फायर एक्सटिंग्विशर (आग बुझाने वाला सिलेंडर) भी एक्सपायर हो चुका था, इसे लेकर विपक्ष भी कई तरह के सवाल उठा रहा है. इस खबर में जानें कि अबतक झांसी हादसे में क्या-क्या हुआ.


उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने शनिवार को मौके पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया और जांच का आदेश दिया. उन्होंने समिति को सात दिन के अंदर जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है. आरोप लग रहा है कि आग लगने के दौरान अस्पताल में कई तरह की खामियां नजर आईं. अस्पताल में स्थिति ऐसी थी कि यहां आग को बुझाने के पुख्ता इंतजाम नहीं थे.


10 बच्चों की मौत, सभी की हुई पहचान


झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में शुक्रवार (15 नवंबर) की रात को हुए अग्निकांड में 10 मासूमों की जान चली गई. इस दर्दनाक हादसे में जान गंवाने वाले जो 10 बच्चे थे उन सभी की पहचान हो चुकी है और वहां से उनके शव जा चुके हैं. घायल बच्चों का मेडिकल कॉलेज और प्राइवेट अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है. 


वॉर्ड में भर्ती थे 49 बच्चे 


झांसी मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु (नीकू वार्ड) में कुल 49 बच्चे भर्ती थे, जिनमें 38 बच्चों को सकुशल बचा लिया गया है, एक बच्चा अभी भी मिसिंग है.


तीन बच्चे अभी लड़ रहे जिंदगी की जंग 


झांसी अग्निकांड के रेस्क्यू किए गए 38 बच्चों में से तीन अभी भी जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं जो झांसी मेडिकल कॉलेज के वार्ड नंबर 5 में भर्ती है. 


शुरुआती जांच में क्या पाया गया


जिलाधिकारी के अनुसार शुरुआती जांच में शॉर्ट सर्किट पाया गया है, मजिस्ट्रियल मजिस्ट्रियल जांच और फायर विभाग की जांच अभी जारी है. 


क्या लापरवाही पाई गई


झांसी अग्निकांड की लापरवाही को लेकर यह सवाल अभी सुलग रहे हैं कि ऑन ड्यूटी स्टाफ कहा था? क्या स्टाफ ट्रेनेड था या आउट सोर्सिंग कंपनी द्वारा 10 महीने की सैलरी लेकर किसी भी अनट्रेन्ड और लापरवाह  स्टाफ की भर्ती की गई. दुर्घटना के लिए ऑन ड्यूटी स्टाफ के साथ कॉलेज मेंटेनेंस और आउट सोर्सिंग एजेंसी की जिम्मेदारी तय होगी! अगर एक भी स्टाफ अंदर बच्चों की देखभाल में मौजूद होता तो यह शार्ट सर्किट से इतनी बड़ी घटना ना होती.


मजिस्ट्रियल इंक्वायरी और फायर की जांच में क्या मिला


मजिस्ट्रियल और फायर की जांच अभी जारी है, तीन सदस्य हाई लेवल की रिपोर्ट अभी जिला स्तर पर नहीं बताई गई है, वह लखनऊ स्तर पर बताई जाएगी. हालांकि झांसी कमिश्नर के समक्ष ऑन स्टाफ के बयान दर्ज किए गए हैं.


क्या बोले सीएम योगी आदित्यनाथ


झांसी हादसे पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा 10 बच्चों की वहां दुखद मृत्यु हुई है. स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम, मेडिकल कॉलेज की पूरी टीम, प्रशासन और पुलिस प्रशासन की पूरी टीम सभी को सुरक्षित निकालने में सफल रही लेकिन मेरी संवेदना उन सभी परिजनों के प्रति है जिन्होंने अपने मासूम बच्चों को खोया है. वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतक नवजातों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये और गंभीर घायलों को पचास हजार रुपये के मुआवजे की घोषणा की. 


PM मोदी ने दुख जताया और 2 लाख मुआवजे का किया ऐलान


झांसी अग्निकांड को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख जताया. प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से किए गए पोस्ट में लिखा- "हृदयविदारक! उत्तर प्रदेश में झांसी के मेडिकल कॉलेज में आग लगने से हुआ हादसा मन को व्यथित करने वाला है। इसमें जिन्होंने अपने मासूम बच्चों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी गहरी शोक-संवेदनाएं। ईश्वर से प्रार्थना है कि उन्हें इस अपार दुख को सहने की शक्ति प्रदान करे। राज्य सरकार की देखरेख में स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव के हरसंभव प्रयास में जुटा है." 


इसके साथ ही पीएमओ की तरफ से जानकारी दी गई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने की घटना में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है और घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे.


विपक्ष ने क्या आरोप लगाए


जिम्मेदार लोगों पर दंडात्मक कार्रवाई हो- अखिलेश यादव


झांसी हादसे पर समाजवादी पार्टी के मुखिया और सांसद अखिलेश यादव ने एक्स पर एक लंबा पोस्ट लिखा. पूर्व सीएम और सपा सांसद ने एक्स पर लिखा-"झाँसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 बच्चों की मृत्यु एवं कई बच्चों के घायल होने का समाचार बेहद दुखद एवं चिंताजनक है. सबके प्रति संवेदनात्मक श्रद्धांजलि. आग का कारण ‘ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर’ में आग लगना बताया जा रहा है. ये सीधे-सीधे चिकत्सीय प्रबंधन व प्रशासन की लापरवाही का मामला है या फिर खराब क्वॉलिटी के आक्सीजन कॉन्संट्रेटर का. इस मामले में सभी जिम्मेदार लोगों पर दंडात्मक कार्रवाई हो. मुख्यमंत्री जी चुनावी प्रचार छोड़कर, ‘सब ठीक होने के झूठे दावे’ छोड़कर स्वास्थ्य और चिकित्सा की बदहाली पर ध्यान देना चाहिए.जिन्होंने अपने बच्चे गंवाएं हैं, वो परिवारवाले ही इसका दुख-दर्द समझ सकते हैं. ये सरकारी ही नहीं, नैतिक जिम्मेदारी भी है."


ऐसी घातक लापरवाही के लिए दोषियों को सख्त कानूनी सजा जरूरी- मायावाती


बसपा सुप्रीमो और पूर्व सीएम मायावती ने भी झांसी हादसे पर दुख जताया. मायावती ने एक्स पर लिखा-"यूपी, झाँसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कालेज में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की मौत की अति-दुखद घटना से कोहराम व आक्रोश स्वाभाविक. ऐसी घातक लापरवाही के लिए दोषियों को सख्त कानूनी सजा जरूरी. ऐसी घटनाओं की भरपाई असंभव फिर भी सरकार पीड़ित परिवारों की हर प्रकार से मदद जरूर करे."


दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो- राहुल गांधी


झांसी अग्निकांड पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा-"झांसी मेडिकल कॉलेज में हुए दर्दनाक हादसे में कई नवजात बच्चों की मृत्यु और घायल होने की खबर से बेहद दुखी हूं. पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं. उत्तर प्रदेश में एक के बाद एक हो रही इस तरह की दुखद घटनाएं सरकार और प्रशासन की लापरवाही को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े करती हैं. सरकार सुनिश्चित करे कि घायल बच्चों का बेहतर से बेहतर इलाज हो, साथ ही इस दुखद घटना की तुरंत जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो."


इससे उबरना किसी भी माता-पिता के लिए अत्यंत कठिन- चंद्रशेखर आजाद


वहीं झांसी हादसे पर नगीना सांसद और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने लिखा-"उत्तर प्रदेश के जिला झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु इंटेंसिव केयर यूनिट (NICU) में लगी भीषण आग में 10 नवजात शिशुओं की असमय मृत्यु और 16 से अधिक बच्चों के घायल होने की घटना अत्यंत दुखद और हृदय विदारक है. यह हादसा अस्पतालों में सुरक्षा और आपातकालीन उपायों की गंभीर कमी को उजागर करता है. इस भयावह दुर्घटना से जिन परिवारों ने अपने नवजात शिशुओं को खो दिया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं. मैं प्रार्थना करता हूँ कि प्रकृति उन्हें इस असीम दुख को सहने की शक्ति प्रदान करे और घायल बच्चों को शीघ्र स्वस्थ करें. यह क्षति अपूरणीय है और इससे उबरना किसी भी माता-पिता के लिए अत्यंत कठिन होगा."


झांसी अग्निकांड: सभी मृतक बच्चों की पहचान, एक नवजात अभी भी लापता, NHRC ने यूपी सरकार और DGP से मांगा जवाब