झांसी अग्निकांड: सभी मृतक बच्चों की पहचान, एक नवजात अभी भी लापता, NHRC ने यूपी सरकार और DGP से मांगा जवाब
Jhansi Medical College Fire: झांसी जिले के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज की नवजात गहन चिकित्सा (एनआईसीयू) में आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई. इन मौतों के अलावा कुल 16 बच्चे घायल हुए.
Jhansi Medical College Fire Update: उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज की नवजात गहन चिकित्सा (एनआईसीयू) में शुक्रवार (15 नवंबर) की रात आग लगने से बड़ा हादसा हुआ और इस दर्दनाक हादसे में 10 बच्चों की मौत हुई. इस हादसे के मृतक 10 बच्चों की पहचान हो चुकी है, हालांकि एक बच्चा अभी भी लापाता है जिसे ढूंढने का प्रयास चल रहा है. वहीं जो 10 बच्चे मृतक थे उन सभी की पहचान हो चुकी है और वहां से उनके शव जा चुके हैं और घायल बच्चों का मेडिकल कॉलेज और प्राइवेट अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है.
इसी बीच इस हादसे को लेकर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) भी सख्त है. मानवाधिकार आयोग ने इस हादसे को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (DGP) को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी. एनएचआरसी ने कहा इस रिपोर्ट में मामले में एफआईआर की स्थिति, जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ की गई कारवाई, घायलों को मिल रहा चिकित्सा उपचार तथा पीड़ित परिवारों को दिए गए मुआवजे का जानकारी हो.
बता दें कि झांसी जिले के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज की नवजात गहन चिकित्सा (एनआईसीयू) में आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई. इन मौतों के अलावा कुल 16 बच्चे घायल हुए जबकि 37 बच्चों को बचा लिया गया.
शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी- CMS सचिन माहोर
इस मामले को लेकर झांसी मेडिकल कॉलेज के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सचिन माहोर ने बताया था कि, "शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी थी, उस समय 49 बच्चे वहां दाखिल थे. झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड पर यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने दुख जताते हुए कहा था कि पीड़ित परिवार के साथ हमारी संवेदना हैं. इस घटना के जांच के आदेश दिए गए हैं और 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट आएगी, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी.
यूपी सरकार और पीएमओ ने की अनुग्रह राशि की घोषणा
वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में हुई घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है. इसके साथ ही मृतक नवजात शिशुओं के माता-पिता को मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्यमंत्री राहत कोष से पांच-पांच लाख रुपये और घायलों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी. पीएमओ की तरफ से भी मृतक के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की गई.
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