'मेरा बच्चा जला दिया...कौन देगा मेरा बच्चा', झांसी हादसे में परिजनों ने खो दिए अपने घर के चिराग
Jhansi Medical College Fire: झांसी मेडिकल कॉलेज हादसे के बाद अस्पताल के बाहर का नजारा भी कम दर्दनाक नहीं है. मेडिकल कॉलेज में अपने मासूम बच्चों की तलाश में परिजन बिलख-बिलखकर रो रहे हैं.
Jhansi Medical College Fire: उत्तर प्रदेश के झांसी में सरकारी मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार रात (15 नवंबर) को नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (NICU) में भीषण आग लग गई, जिसमें 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई. हादसे के बाद अस्पताल के बाहर का नजारा भी कम दर्दनाक नहीं है. अपने मासूम बच्चों की तलाश में परिजन बिलख-बिलखकर रो रहे हैं. उनका दर्द सुनकर किसी भी रूह कांपने लगेगी. कोई अपने बच्चे की राख के लिए भटक रहा है तो किसी पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है.
अपने बच्चे के लिए तड़पते बरसाना से आए एक पिता के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. उसने बताया कि उसका बच्चा भी इसी अस्पताल में भर्ती था. बदहवास हालत में उनसे कहा कि मेरा बच्चा जला है...कौन देगा मेरा बच्चा..कौन देगा..आप दोगे..वो देंगे...कौन देगा..तो वहीं एक महिला ने रोते हुए कहा कि हमारा बच्चा शनिवार को ही हुआ था, अब हमारे बच्चे को आग लगा दी..
Jhansi, Uttar Pradesh: The victim's family says, "We had gone to buy medicine, and when we returned, we saw a fire had broken out. During the rescue, our son was not found, instead, someone else's daughter was given to us, who is currently admitted there" https://t.co/XDcZDMh1Po pic.twitter.com/A1HRPZRyOT
— IANS (@ians_india) November 15, 2024
चश्मदीदों ने बताया दर्दनाक मंजर
इस हादसे में अपने बच्चे की जान गंवाने वाले एक परिवार के साथ आई महिला ने बताया कि उन्होंने मंगलवार को ही बच्चे को अस्पताल में भर्ता कराया था. उस वक्त यहां 50-60 बच्चे भर्ती थे. बच्चों के पूरे वार्ड में आग लग गई. हमने अपनी आंखों से देखा है 15 बच्चों को निकालकर लाए हैं जले जलाए.. हमारा बच्चा नहीं मिला, पता नहीं क्या हुआ है... कुछ बच्चों को इमरजेंसी में ले गए हैं.. कुछ को बाहर भी ले गए हैं. 10-15 बच्चे जल गए हैं.
वहीं एक महिला ने कहा "हमारा नवजात एक महीने से यहां भर्ती था। कल ऑपरेशन हुआ और उसके बाद बच्चे को यहां (NCIU) भर्ती कर दिया गया. कल रात करीब 10 बजे आग लगी, हम बच्चे को निकालने के लिए दौड़े लेकिन हमें रोक दिया गया. बाद में काफी देर तक तलाश करने के बाद भी बच्चा नहीं मिला. बाद में हमें बताया गया कि हमारा बच्चा आग में मर गया, मेरे पति ने जाकर बच्चे को देखा."
बच्चे का चेहरा भी ठीक से नहीं देखा
एक और महिला ने बताया कि हम दवाई लेने गए थे, दवाई लेकर आए तो आग लग गई. लोग बच्चों को निकालकर लाए, तो हमें लड़की दे दी. हमारा लड़का नहीं मिला. किसी की लड़की दे गए, हमारे बच्चे के तो माथे पर काला टीका लगा था. वहीं एक महिला जिसने कुछ घंटों पहले ही बच्चे को जन्म दिया था वो भी बिलखते कहने लगी कि उसने तो अपने बच्चे का चेहरा भी ठीक से नहीं देखा, कोई तो एक बार उसे बच्चे का चेहरा दिखा दे.
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