Jhansi Medical College Fire Highlights: झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड में एक बच्चा मीसिंग, 3 की अभी तक नहीं हो पाई पहचान
Jhansi Medical College Fire Highlights: झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड पर योगी सरकार ने आर्थिक मदद का ऐलान किया है. मृतक बच्चों के परिजनों को 5-5 लाख और घायलों को 50 हजार की आर्थिक मदद करेगी सरकार.
झांसी जिला मजिस्ट्रेट अविनाश कुमार ने कहा, "7 शवों की पहचान कर उन्हें परिजनों को सौंप दिया गया है. 3 की शिनाख्त अभी जारी है और हम 1 बच्चे के बारे में स्थिति स्पष्ट कर रहे हैं. हम उनके परिजनों से बात कर रहे हैं, उनका वजन और माप मौजूद है. अन्य बच्चों में से जो भर्ती हुए हैं, उनमें से 3 की हालत गंभीर है. प्रथम दृष्टया यह स्थिति संभवतः बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण उत्पन्न हुई लगती है."
झांसी के मेडिकल कॉलेज में हुए दर्दनाक हादसे के बाद अब गौतम बुद्ध नगर जिले के भी सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में फायर विभाग की टीम फायर फाइटिंग से जुड़े सभी इक्विपमेंट की जांच शुरू कर चुकी है. इसी कड़ी में शनिवार को सबसे पहले नोएडा के चाइल्ड पीजीआई में जांच की गई. यहां पर फायर फाइटिंग इक्विपमेंट्स चलते हुए पाए गए, लेकिन इसके अलावा कुछ कमियां भी पाई गईं, जिनको जल्द दूर करने का आश्वासन अस्पताल प्रबंधन की तरफ से मिला.
झांसी आग्निकांड की घटना पर सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा, "ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और दर्दनाक घटना घटी है. इसके लिए जो भी जिम्मेदार है सरकार से हमारी मांग है कि उनको चिह्नित करके सजा दिलाई जाए. जितने भी पीड़ित परिवार हैं हमारी संवेदना उनके साथ है. सरकार उनकी पूरी सहायता करे और मुआवजा दें."
जांच के लिए 4 डॉक्टरों के पैनल का गठन कर दिया गया है. इस जांच कमेटी का नेतृत्व चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग के महानिदेशक करेंगे. इसके अलावा कमेटी में चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएँ अपर निर्देशक और महानिदेशक, अग्निशमन द्वारा नामित अधिकारी सदस्य होंगे.
झांसी के डीएम अविनाश कुमार ने बताया कि वार्ड में कुल 49 बच्चे भर्ती थे. इसमें से 38 बच्चे पूरी तरह सुरक्षित हैं और उनका इलाज चल रहा है. मृतकों में बच्चों के शव परिजनों को सुपुर्द किए गए हैं. जबकि अभी तक 3 बच्चों की शिनाख्त चल रही है. एक बच्चा अभी मिसिंग है.
उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में आग लगने से कम से कम 10 नवजात शिशुओं की मौत के कुछ घंटों बाद, राज्य सरकार ने शनिवार को मृतकों के माता-पिता को पांच-पांच लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की.
झांसी आग्निकांड की घटना पर कांग्रेस नेता कुंवर दानिश अली ने कहा, "झांसी की घटना दिल को झकझोर देने वाली है. जो दृश्य वहां दिखाई दिया वो हम देख नहीं सकते हैं. उत्तर प्रदेश की सरकार इतनी असंवेदनशील है कि जब उपमुख्यमंत्री घटनास्थल पर जायजा लेने जाते हैं तो उनके स्वागत के लिए वहां साफ-सफाई की जाती है, चूना बिखेरा जाता है जैसे वे किसी बहुत बड़े कार्यक्रम के लिए आ रहे हों. मैं बस इतना कहना चाहूंगा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जब 'बांटने और काटने' से फुर्सत मिल जाए तो उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का जायजा लीजिए और उन्हें दुरुस्त करने का प्रयास कीजिए."
झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड घटना पर शिवसेना (UBT) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "बहुत ही हृदयविदारक और दुखद घटना है. ये बहुत शर्मनाक है कि आज के समय में भी हम स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं पहुंचा पा रहे हैं. ये उसी राज्य में है जहां बटोगे तो कटोगे की राजनीति सुनने को मिलती है. मैं अब योगी आदित्यनाथ जी से कहना चाहूंगी की सरकार चलाओगे तो बच्चों को बचा पाओगे. पूरे देश में प्रचार चल रहा है लोगों को बांटने काटने और लुटने का काम चल रहा है. जहां बात प्रशासन और सुधार की आती है वहीं पर ये फिसड्डी पाए जाते हैं. जिन परिवारों ने अपना बच्चा खोया है मैं उनको अपनी संवेदनाएं प्रकट करना चाहती हूं."
झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड घटना के बाद गौतम बुद्ध नगर अग्निशमन विभाग अलर्ट मोड पर है. CFO ने तकनीकी विशेषज्ञों की टीम के साथ चाइल्ड पीजीआई हॉस्पिटल का दौरा किया.
समाजवादी पार्टी से लोकसभा सांसद आरके चौधरी ने शनिवार को एक इंटरव्यू के दौरान तमाम मुद्दों पर बातचीत की. इस दौरान उन्होंने झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 नवजातों की मौत पर दुख जताते हुए इसे लापरवाही करार दिया. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग और पूरी सरकार इसकी दोषी है, जितनी भी निंदा की जाए वो कम है. इस मामले की जांच होनी चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड घटना पर मऊरानीपुर विधायक रश्मि आर्य ने बताया, "यह बहुत दुखद घटना है और निश्चित ही इसमें जो भी लापरवाही हुई है उस पर वर्तमान सरकार ध्यान दे रही है और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी होगी. मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि जिन नवजात शिशुओं की मृत्यु हुई है, भगवान उनकी आत्मा को शांति दे और उनके परिजनों को शक्ति दे. 10 बच्चों की मृत्यु हुई है और बाकी घायलों का इलाज जारी है. वर्तमान सरकार ने मृतक बच्चों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये देने का निर्णय लिया है और घायल बच्चों को 50 हजार देने का निर्णय लिया गया है."
झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड घटना पर कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, "उत्तर प्रदेश में 10 नवजात शिशुओं का झांसी के अस्पताल में झुलस जाने की घटना मानवता को शर्मसार करता है. इसी अस्पताल को इसी वॉर्ड पर खूब प्रचार-प्रसार किया जा रहा था. मैं सोचकर शर्मिंदा हूं कि जिस प्रदेश के 10 बच्चे जलकर राख हो गए उस प्रदेश के मुख्यमंत्री कुछ ही घंटे बाद प्रयागराज में चुनावी सभा कर रहे हैं. इसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए."
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, 'झांसी की घटना पर मुख्यमंत्री योगी और प्रधानमंत्री मोदी ने चिंता जाहिर की है और पीड़ित परिवार तक अपनी संवेदना पहुंचाई है. वहीं, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक स्वयं जिम्मेदार अधिकारियों के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर निरीक्षण किया है. घटना की त्रिस्तरीय जांच कराई जा रही है, जो भी दोषी होंगे, उन पर सख्त कार्रवाई होगी.'
झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड घटना पर शिवसेना (UBT) नेता आनंद दुबे ने कहा, "बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. आग लग जाने की वजह से झांसी में अस्पताल में 10 नवजात शिशुओं की मृत्यु हो गई. योगी आदित्यनाथ महाराष्ट्र घूम रहे हैं. उनके स्वास्थ्य मंत्री और उपमुख्यमंत्री वहां (झांसी) पर बयानबाजी में लगे हुए हैं लेकिन हमें दुख होता है कि वे अस्पताल तक सुरक्षित नहीं रख पा रहे हैं. भाजपा के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश की सरकार जिस प्रकार से आज अपराधियों की सरकार बन चुकी है, निष्क्रिय हो चुकी है, ये देख कर बहुत दुख होता है. उन माताओं पर क्या बीत रही होगी जिनके नवजात शिशुओं की आज मृत्यु हो चुकी है."
झांसी मेडिकल कॉलेज में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के पहुंचने से पहले सड़कों पर चूना डाले जाने के मामले पर जिलाधिकारी को कार्रवाई के लिए कहा गया है. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा जिन लोगों ने चूना डालने आदि जैसा कृत्य किया है वो स्वीकार योग्य नहीं है. डिप्टी सीएम ने जिलाधिकारी झांसी को ऐसे लोगों को चिन्हित करके कार्रवाई के आदेश दिए हैं.
झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड घटना पर मऊरानीपुर विधायक रश्मि आर्य ने बताया, "यह बहुत दुखद घटना है और निश्चित ही इसमें जो भी लापरवाही हुई है उस पर वर्तमान सरकार ध्यान दे रही है और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी होगी. मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि जिन नवजात शिशुओं की मृत्यु हुई है, भगवान उनकी आत्मा को शांति दे और उनके परिजनों को शक्ति दे. 10 बच्चों की मृत्यु हुई है और बाकी घायलों का इलाज जारी है. वर्तमान सरकार ने मृतक बच्चों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये देने का निर्णय लिया है और घायल बच्चों को 50 हजार देने का निर्णय लिया गया है."
झांसी हादसे पर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा UP के झांसी में दर्दनाक घटना हुई है 10 बच्चों की जान चली गई और कई बच्चे ऐसे हैं जो जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं. यह वही वार्ड है जिसका कुछ महीने पहले यह कह कर उद्घाटन किया गया कि ये वर्ल्ड क्लास वार्ड तैयार किया गया है. पता चला है कि आग बुझाने वाले यंत्र भी पिछले कुछ सालों से बंद पड़े थे काम नहीं कर रहे थे ये एक बहुत बड़ी लापरवाही है और इससे यह साफ हो जाता है कि UP में लोगों की जान के साथ कैसे खिलवाड़ किया जा रहा है. UP सरकार को इस पूरी घटना की जाँच करवानी चाहिए हाईकोर्ट की मॉनीटरिंग में यह जाँच होनी चाहिए ताकि निष्पक्ष जाँच हो और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके.
झांसी हादसे को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा-"झांसी मेडिकल कॉलेज में हुए दर्दनाक हादसे में कई नवजात बच्चों की मृत्यु और घायल होने की खबर से बेहद दुखी हूं. पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं. उत्तर प्रदेश में एक के बाद एक हो रही इस तरह की दुखद घटनाएं सरकार और प्रशासन की लापरवाही को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े करती हैं. सरकार सुनिश्चित करे कि घायल बच्चों का बेहतर से बेहतर इलाज हो. साथ ही इस दुखद घटना की तुरंत जांच कराई जाए और दोषियों के ख़िलाफ़ सख़्त कानूनी कार्रवाई हो."
AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की दर्दनाक मौत पर दुख जताया. केजरीवाल ने एक्स पर लिखा-"झाँसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की दर्दनाक मौत की घटना बहुत पीड़ादायक है. इस मुश्किल वक्त में पूरा देश शोकाकुल परिवारों के साथ खड़ा है."
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड घटना पर कहा, उन (पीड़ित)बच्चों के लिए जांच की व्यवस्था की जा सके इसकी व्यवस्था में हम देर रात्रि से ही लगे हुए थे. 10 बच्चों की वहां दुखद मृत्यु हुई है, शेष बच्चे सुरक्षित हैं. वहां पर स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम, मेडिकल कॉलेज की पूरी टीम, प्रशासन और पुलिस प्रशासन की पूरी टीम सभी को सुरक्षित निकालने में सफल रही लेकिन मेरी संवेदना उन सभी परिजनों के प्रति है जिन्होंने अपने मासूम बच्चों को खोया है.
झांसी मेडिकल कॉलेज हादसे में 10 बच्चों की मौत हुई है. इस मामले में तीन बच्चों की अभी तक शिनाख्त नहीं हो सकती है. नाराज परिजन डीएनए टेस्ट की मांग कर रहे हैं. सात बच्चों का अब तक पोस्टमार्टम हो चुका है, चार डॉक्टरों की टीम काम कर रही है. बच्चों के परिजन बेहद नाराज हैं और, अस्पताल के गेट पर जमा हो गए हैं.
झांसी मेडिकल कॉलेज हादसे में 10 बच्चों की मौत के बाद योगी सरकार सख्त है. सूत्रों की मानें तो मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल पर गाज गिर सकती है और उन्हें हटाया जा सकता है.
झांसी अग्निकांड के बाद परिजन लगातार परेशान हो रहे हैं, जिनकी बच्चे चिल्ड्रन वार्ड में भर्ती थे आग लगने के बाद से उनका पता नहीं है. एक मां का कहना है उनका बच्चा 10 दिन का था उन्हें पता नहीं है कि वह जिंदा है कि मर गया, उन्हें जले हुए बच्चे दिखाए गए जिनकी पहचान वह नहीं कर सकी. एक बच्चे का पिता जिसे खुद कई बच्चों की जान बचाई उसका बच्चा नहीं मिल रहा है. कुलदीप का कहना है मैं खुद अपने हाथों से चार-पांच बच्चों को बचाया, अब मेरे मेरा बच्चा खुद नहीं मिल रहा है, मुझे मेरा बच्चा मिलना चाहिए.
झांसी के मेडिकल कॉलेज हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताते हुए कहा झांसी के मेडिकल कॉलेज में आग लगने से हुआ हादसा मन को व्यथित करने वाला है. वहीं पीएमओ की तरफ से मृतक बच्चों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक मदद का ऐलान किया है.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा-"उत्तर प्रदेश के झांसी के मेडिकल कॉलेज में हुए हादसे में मासूम शिशुओं की मौत का समाचार बेहद पीड़ादायक है. इस हृदयविदारक हादसे में मृत सभी बच्चों के परिजनों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं. ईश्वर उनके परिवारों को ये दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करे. उन्होंने आगे कहा, हम सरकार से मांग करते है कि इस हादसे के कारणों की जांच हो और जो भी ऐसी लापरवाही का दोषी हो, उसपर सख्त कानूनी कार्रवाई हो."
झांसी मेडिकल कॉलेज के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सचिन माहोर ने बताया, "शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी थी, उस समय 49 बच्चे वहां दाखिल थे. 39 बच्चों को रेस्क्यू कर लिया गया. सभी बच्चों की हालत स्थिर है. घटना में 10 बच्चों की मौत हुई है, जिनमें से 3 बच्चों की पहचान अभी नहीं हो पाई है."
झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एक्स पर लिखा-"झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज से दहला देने वाली खबर आई है, जहां नवजात शिशुओं के सघन चिकित्सा कक्ष में आग लग जाने की वजह से दस बच्चों की मौत हो गई है. शोक और सांत्वना के शब्द इस महाविपत्ति के समय व्यर्थ हैं. हम लोग इस मुश्किल परिस्थिति में परिजनों और अभिभावकों के साथ खड़े हैं."
झांसी मेडिकल कॉलेज हादसे पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अजय राय ने कहा, "यह बहुत दुखद घटना है. मैं अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं. मुझे लगता है कि यह बहुत दुखद घटना है. उत्तर प्रदेश में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, वाराणसी में भी ऐसा हुआ. यह सरकार केवल जांच के आदेश दे रही है. योगी आदित्यनाथ पूरे देश में जाकर नफरत की राजनीति कर रहे हैं. उन्हें उत्तर प्रदेश के लोगों ने जिम्मेदारी दी है कि वे लोगों की देखभाल करें और उनकी मदद करें, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. केवल नफरत की राजनीति हो रही है. लोगों को परेशान किया जा रहा है, काम नहीं हो रहा है. यह सरकार अफसरों के भरोसे चल रही है. उत्तर प्रदेश सरकार और सीएम योगी खुद इसके (आग दुर्घटना) जिम्मेदार हैं."
झांसी मेडिकल कॉलेज हादसे पर एक बड़ा खुलासा हुआ है. इस अस्पताल में आग बुझाने वाले सिलेंडर एक्सपायरी डेट के थे. अब इस मामले को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं.
झांसी हादसे पर पूर्व सीएम और सपा मुखिया अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा- "झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 बच्चों की मृत्यु एवं कई बच्चों के घायल होने का समाचार बेहद दुखद एवं चिंताजनक है, सबके प्रति संवेदनात्मक श्रद्धांजलि. आग का कारण ‘ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर’ में आग लगना बताया जा रहा है. ये सीधे-सीधे चिकत्सीय प्रबंधन व प्रशासन की लापरवाही का मामला है या फिर खराब क्वॉलिटी के आक्सीजन कॉन्संट्रेटर का. इस मामले में सभी जिम्मेदार लोगों पर दंडात्मक कार्रवाई हो. आग का कारण ‘ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर’ में आग लगना बताया जा रहा है. ये सीधे-सीधे चिकत्सीय प्रबंधन व प्रशासन की लापरवाही का मामला है या फिर खराब क्वॉलिटी के आक्सीजन कॉन्संट्रेटर का.
झांसी हादसे पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक्स पर लिखा-"यूपी, झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कालेज में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की मौत की अति-दुखद घटना से कोहराम व आक्रोश स्वाभाविक. ऐसी घातक लापरवाही के लिए दोषियों को सख्त कानूनी सजा जरूरी. ऐसी घटनाओं की भरपाई असंभव फिर भी सरकार पीड़ित परिवारों की हर प्रकार से मदद जरूर करे.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक्स पर लिखा- "झांसी (उत्तर प्रदेश) के मेडिकल कॉलेज में हुई दुर्घटना में बच्चों की मृत्यु के बारे में जानकर अत्यंत दुख पहुंचा है. मैं उनके परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट करता हूं, साथ ही जो बच्चे घायल हैं मैं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की ईश्वर से कामना करता हूं."
झांसी हादसे पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, "नवजात शिशुओं की मौत बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर हम नवजात शिशुओं के शवों की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं. पहली जांच प्रशासनिक स्तर पर होगी जो स्वास्थ्य विभाग करेगा, दूसरी जांच पुलिस प्रशासन करेगा. अग्निशमन विभाग की टीम भी इसमें शामिल होगी, तीसरा, मजिस्ट्रेट जांच के निर्देश भी दिए गए हैं. आग लगने के कारणों की जांच की जाएगी. अगर कोई चूक पाई जाती है, तो जो भी जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा. सरकार बच्चों के परिजनों के साथ है."
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज पहुंचे. शुक्रवार रात मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई(NICU) में भीषण आग लग गई, जिसमें 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई.
बैकग्राउंड
Jhansi Medical College Fire Highlights: उत्तर प्रदेश के झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के बच्चों के वार्ड में शुक्रवार (15 नवंबर) रात आग लगने से कम से कम 10 शिशुओं की मौत हो गई जबकि 16 बच्चे गंभीर रूप से झुलस गए. झांसी के जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि अस्पताल की नवजात शिशु देखभाल इकाई (एनआईसीयू) में दस बजकर 45 मिनट पर संभवत: शार्ट सर्किट से आग लग गई.
झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड पर योगी सरकार ने आर्थिक मदद का ऐलान किया है. मृतक बच्चों के परिजनों को 5-5 लाख और घायलों को 50 हजार की आर्थिक मदद करेगी सरकार.
वहीं डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने झांसी मेडिकल कॉलेज पहुंचकर घटना का निरीक्षण किया. डिप्टी सीएम ने कहा-"फरवरी में अग्नि सुरक्षा ऑडिट किया गया था। जून में मॉक ड्रिल भी की गई थी. यह घटना कैसे हुई और क्यों हुई, जांच रिपोर्ट आने के बाद ही हम इस बारे में कुछ कह सकते हैं.सात नवजात शिशुओं के शवों की पहचान कर ली गई है, तीन शवों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है. नवजात शिशुओं के परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी."
अस्पताल पहुंचे झांसी के मंडल आयुक्त विमल दुबे ने संवाददाताओं को बताया कि एनआईसीयू के भीतरी हिस्से में करीब 30 बच्चे थे और उनमें से अधिकतर को निकाल लिया गया था. झांसी की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) सुधा सिंह ने शनिवार को बताया कि इस हादसे में गंभीर रूप से झुलसे 16 बच्चों का इलाज जारी है। इस हादसे के समय एनआईसीयू में 50 से अधिक बच्चे भर्ती थे.
झांसी के पास स्थित महोबा जिले के एक दंपति ने इस हादसे में अपने नवजात बच्चे को खो दिया है. बच्चे की मां ने संवाददाताओं को बताया कि उनके बच्चे का जन्म 13 नवंबर को सुबह आठ बजे हुआ था, उन्होंने रोते हुए कहा, ‘‘मेरा बच्चा आग में जलकर मर गया.’’
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