झांसी मेडिकल कॉलेज हादसा: जांच के लिए 4 डॉक्टरों का विशेष पैनल गठित, जानिए किसे मिली जिम्मेदारी
झांसी मेडिकल कालेज के अग्निकांड में अभी तक 10 मासूमों की मौत हो चुकी है. जबकि 10 में से अभी तक 3 बच्चों की शिनाख्त नहीं हो पाई है. अब इस मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया है.
Jhansi Medical College: उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में आग लगने से कम से कम 10 नवजात शिशुओं की मौत के कुछ घंटों बाद, राज्य सरकार ने शनिवार को मृतकों के माता-पिता को पांच-पांच लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की. उत्तर प्रदेश सरकार के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. वहीं अब इस मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया है.
इस मामले की जांच के लिए 4 डॉक्टरों के पैनल का गठन कर दिया गया है. इस जांच कमेटी का नेतृत्व चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग के महानिदेशक करेंगे. इसके अलावा कमेटी में चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएँ अपर निर्देशक और महानिदेशक, अग्निशमन द्वारा नामित अधिकारी सदस्य होंगे.
यह कमेटी आग लगने के प्राथमिक कारण, किसी भी प्रकार की लापरवाही या दोष की पहचान और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं के बचाव हेतु सिफारिशें देगी. इस कमेटी गठन के बाद 7 दिनों में जांच की रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है.
क्या बोले DM
वहीं झांसी के डीएम अविनाश कुमार ने बताया कि वार्ड में कुल 49 बच्चे भर्ती थे. इसमें से 38 बच्चे पूरी तरह सुरक्षित हैं और उनका इलाज चल रहा है. मृतकों में बच्चों के शव परिजनों को सुपुर्द किए गए हैं. जबकि अभी तक 3 बच्चों की शिनाख्त चल रही है. एक बच्चा अभी मिसिंग है. शुरुआती जांच में लाइट के शार्ट सर्किट से आग लगने की बात सामने आ रही है. हालांकि डीटेल रिपोर्ट कमिश्नर और DIG सौंपेंगे. तभी स्थिति स्पष्ट हो पाएगी.
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उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शनिवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में हुई इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है. उन्होंने घटना की त्रिस्तरीय जांच के आदेश भी दिए हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी बच्चों की मौतों पर शोक व्यक्त किया और प्रत्येक मृतक के परिजनों को दो लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की.