झांसी, एबीपी गंगा। झांसी के चर्चित पुष्पेन्द्र यादव एनकाउंटर मामले के बाद उनके परिवार से मिलने पहुंचे पूर्व बीएसएफ फौजी तेज बहादुर को हिरासत में ले लिया गया था, जिन्हें आज रिहा कर दिया गया है। दरअसल, पूर्व बीएसएफ फौजी व पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ बनारस से चुनाव लड़ने वाले तेज बहादुर एनकाउंटर में मारे गए पुष्पेंद्र यादव के परिजनों से मुलाकात करने झांसी के करगुआ गांव आए हुए थे। तेज बहादुर अपने साथियों के साथ मोठ तहसील पर शांतिपूर्वक धरना दे रहे थे, लेकिन तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए झांसी पुलिस ने 8 तारीख की रात को तेज बहादुर सहित करीब 40 लोगों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया था। दरअसल, 9 तारीख को इसी घटना को लेकर सपा अध्यक्ष व प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी झांसी आ रहे थे, ऐसे में स्थिति को कंट्रोल में रखने के लिए झांसी पुलिस ने ये कदम उठाया। हालांकि, अब तेज बहादुर के रिहा कर दिया गया है।
पुलिस ने तेज बहादुर को किया रिहा
मामला झांसी के करगुआ गांव में हुए पुष्पेंद्र यादव एनकाउंटर का है, इस एनकाउंटर में मारे गए पुष्पेंद्र यादव के परिजनों से मुलाकात करने के लिए तेज बहादुर यादव करगुआ गांव आए हुए थे। तेज बहादुर यादव परिवार से मिलने के बाद शांतिपूर्वक प्रदर्शन करते हुए अपने साथियों के साथ तहसील मोठ पर धरने पर बैठ गए। एसडीएम के नाम एक ज्ञापन भी दिया था कि उक्त घटना की जांच निष्पक्ष तौर पर कराई जाए और दोषी इंस्पेक्टर धर्मेंद्र सिंह चौहान पर मुकदमा दर्ज किया जाए। साथ ही, एनकाउंटर में मारे गए पुष्पेंद्र यादव के परिजनों को मुआवजा दिया जाए व पुष्पेंद्र की पत्नी को नौकरी दी जाए। इन्हीं बातों को लेकर वो मोठ तहसील में शांतिपूर्वक तरीके से धरने पर बैठे थे। कहीं ना कहीं झांसी पुलिस को आशंका थी कि स्थिति तनावपूर्ण हो सकती है, इसलिए 8 तारीख को देर रात पुलिस ने तेज बहादुर सहित करीब 40 लोगों को अरेस्ट कर लिया और जेल भेज दिया। तेज बहादुर उनके साथियों को अब रिहाई मिल गई है।
न्याय नहीं मिल जाता, तब तब जारी रहेगा धरना: तेज बहादुर
इस पर तेज बहादुर का कहना है कि मृतक पुष्पेन्द्र यादव के भाई फौज में हैं, उनके पिता फौज में रहे हैं। इस देश का दुर्भाग्य है कि फौजियों को न्याय नहीं मिल रहा है। हम सभी शान्तिपूर्वक धरना दे रहे थे। हमें हिरासत में लिया गया और जेल में डाल दिया गया। जब तक न्याय नहीं मिल जाता, हमारा धरना जारी रहेगा।
कौन था पुष्पेंद्र यादव
- पुष्पेंद्र यादव झांसी के करगुआ गांव का रहने वाला था।
- उसके पिता CISF में थे।
- पिता की आंखों की रोशनी चली जाने की वजह से उसके बड़े भाई को उनकी नौकरी मिल गई।
- पुष्पेंद्र का छोटा भाई दिल्ली मेट्रो में नौकरी करता है।
- पुष्पेंद्र के घरवालों के मुताबिक, उसके पास दो ट्रक थे और वो बालू-गिट्टी की ढुलाई का काम करता था।
- पुष्पेंद्र के घरवाले एनकाउंटर को फर्जी बता रहे हैं और इंस्पेक्टर धर्मेंद्र सिंह चौहान समेत आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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