UP Politics: झारखंड में चंपई सोरेन सरकार फ्लोर टेस्ट में पास, सपा मुखिया अखिलेश यादव ने दी बधाई
UP News: झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा में 47 विधायकों ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया जबकि 29 विधायकों ने इसके खिलाफ मतदान किया. निर्दलीय विधायक सरयू रॉय ने मतदान प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया.
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Akhilesh Yadav Congratulated Champai Soren: झारखंड में हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री बने चंपई सोरेन ने सोमवार (5 फरवरी) को विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया. फ्लोर टेस्ट में चंपई सोरेन के समर्थन में 47 वोट पड़े और खिलाफ में 29 वोट पड़े. वहीं झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को विश्वास मत प्राप्त होने पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने एक्स पर बधाई दी है.
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा-" झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की सरकार को ‘विश्वास मत’ प्राप्त होने पर हार्दिक बधाई और उनकी सरकार को झारखंड के हर आदिवासी और निवासी के मान, सम्मान और कल्याण के लिए निरंतर कार्य करते रहने के लिए शुभकामनाएँ!"
झारखंड के मुख्यमंत्री श्री चंपई सोरेन जी की सरकार को ‘विश्वास मत’ प्राप्त होने पर हार्दिक बधाई और उनकी सरकार को झारखंड के हर आदिवासी और निवासी के मान, सम्मान और कल्याण के लिए निरंतर कार्य करते रहने के लिए शुभकामनाएँ! pic.twitter.com/0XEo8UQGXk
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 5, 2024
बता दें कि झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा में 47 विधायकों ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया जबकि 29 विधायकों ने इसके खिलाफ मतदान किया. निर्दलीय विधायक सरयू रॉय ने मतदान प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया. विधानसभा में मतदान के दौरान 77 विधायक उपस्थित रहे. झामुमो, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सत्तारूढ़ गठबंधन को भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (लिबरेशन) के इकलौते विधायक ने बाहर से समर्थन दिया.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत विपक्षी गठबंधन में भाजपा के 26 और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) पार्टी के तीन विधायक हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन के एक मामले में पिछले सप्ताह हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था. इसके बाद झामुमो के विधायक दल के नेता चंपई सोरेन ने दो फरवरी को झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. चंपई सोरेन को सदन में अपनी सरकार का बहुमत साबित करने के लिए 10 दिन का वक्त दिया गया. उन्होंने फैसला किया था कि वह पांच फरवरी को विश्वास मत हासिल करेंगे.
हेमंत सोरेन अभी ईडी की हिरासत में हैं. उन्हें विशेष पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) अदालत ने विश्वास मत में हिस्सा लेने की अनुमति दी थी. सत्तारूढ़ गठबंधन के करीब 38 विधायक विश्वास मत के मद्देनजर भाजपा द्वारा ‘‘खरीद-फरोख्त’’ की आशंका के बीच दो फरवरी को दो विमानों से कांग्रेस शासित तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद ले जाए गए थे.
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