नई दिल्ली, एबीपी गंगा। एक बार फिर से देश का प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU)सुर्खियों में हैं। जहां रविवार को नकाबपोश गुंडों ने कैंपस के अंदर घुसकर छात्रों पर जानलेवा हमला किया है। हाथों में लाठी, डंडों और लोहे की रॉड लेकर बदमाशों ने लड़कियों के हॉस्टल में घुसकर तोड़फोड़ की। छात्र-छात्राओं के अलावाप्रोफेसर्स के साथ भी मारपीट की गई। इस पूरे हमले ने न सिर्फ दिल्ली बल्कि पूरे देश को हैरान कर दिया।


इस हमले में जेएनयू स्टूडेंट यूनियन की प्रेसिडेंट आइशी घोष बुरी तरह से घायल हो गईं है। आईशी समेत करीब 20 छात्रों को लहूलुहान अवस्था में एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां कई छात्रों की हालत नाजुक बताई जा रही है।


आशंका जताई जा रही है कि छात्रों के दो गुटों में हुई लड़ाई इस हमले की वजह हो सकती है। दरअसल, रविवार शाम को कैंपस के अंदर उस वक्त टेंशन शुरू हो गई थी, जब छात्रों के दो गुट आपस में भिड़ गए। जिस वक्त दोनों गुटों में मारपीट हो रही थी, तब वहां टीचर्स भी मौजूद थे। बताया जा रहा है कि ये पूरा विवाद फीस बढ़ोतरी को लेकर हुआ है। दरअसल, छात्रों का एक गुट फीस बढ़ोतरी के पक्ष में हैं, जो छात्रों का रजिस्ट्रेशन शुरू करना चाह रहा था, जबकि दूसरा गुट इसका विरोध कर रहा था। इसी को लेकर दोनों गुट आपस में भिड़ गए, जो विवाद देखते देखते हिंसा में तब्दील हो गया। हालांकि, इस पूरे हिंसा मामले पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। एबीवीपी और लेफ्ट एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।


वहीं, जेएनयू हिंसा पर सियासत भी शुरू हो गई है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने जेएनयू हिंसा की निंदा की है। इस बावत मंत्रालय ने जेएनयू प्रशासन से रिपोर्ट भी मांगी है। उधर, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी मामले का संज्ञान लेते हुए दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक से बात की है और हिंसा पर रिपोर्ट मांगी है। गृह मंत्री ने आईजी लेवल की एक अधिकारी की कमेटी बनाकर जल्द ही गृह मंत्रालय को रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।


जेएनयू हिंसा की बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी ट्वीट कर निंदा की है।





जेएनयू में हिंसा के बाद सुरक्षा चाक-चौबंद कर दिया गया है। जेएनयू के छात्र का कहना है जो घटना घटी है, उसमें वाम संगठन, एबीवीपी और जेएनयू प्रशासन सभी बराबर के जिम्मेदार हैं। छात्रों ने पूरी घटना की जानकारी देते हुए बताया कि लड़ाई पहले से चल रही थी और कल देर रात इस लड़ाई ने हिंसक रूप अख्तियार कर लिया।

इस घटना के बाद जेएनयू में हर आने जाने वाले से पूरी जानकारी ली जा रही है। इसके अलावा विश्वविद्यालय परिसर के अंदर भी पुलिस तैनात की गई है। दिल्ली पुलिस की ज्वाइंट सीपी शालिनी सिंह इस पूरे मामले की जांच कर रही हैं। अभी तक 3 लोगों वाम संगठन एबीवीपी और जेएनयू प्रशासन की तरफ से एफआईआर की दरख्वास्त की गई है, जिसमें इस पूरे मामले की जांच का अनुरोध किया गया है।

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