UK Election 2022: 5 सालों में कितनी कम हुई उत्तराखंड में नौकरियां, चुनाव के पहले जानें पूरी डिटेल्स
उत्तराखंड में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. विधानसभा चुनाव के पहले सीएमआईई द्वारा जारी बेरोजगारी के आंकड़े चुनाव में अपना प्रभाव डाल सकते हैं.
UK Election 2022: कोरोना काल में देश में सामने आए ताजा बेरोजगारी के आंकड़ों ने एक बार फिर से विपक्ष को सरकार पर निशाना साधने का मौका दे दिया है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर महीने में बेरोजगारी दर बढ़कर पिछले 4 महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. सीएमआईई अगस्त महीने में बेरोजगारी दर 8.3 प्रतिशत थी. सीएमआईई के आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर में शहरों में बेरोजगारी दर 9.30 प्रतिशत थी जबकि नवंबर, 2021 में 8.21 प्रतिशत थी. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 7.28 प्रतिशत रही जो कि नवंबर महीने में 6.44 फीसदी थी. वहीं बात उत्तराखंड की करें तो यहां भी पिछले 5 साल में बड़ी संख्या में नौकरी कम हुई है.
5 सालों में उत्तराखंड में कम हुई नौकरियां
उत्तराखंड में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. विधानसभा चुनाव के पहले सीएमआईई द्वारा जारी बेरोजगारी के आंकड़े चुनाव में अपना प्रभाव डाल सकते हैं. उत्तराखंड में बड़ी संख्या में नौकरियों में गिरावट दर्ज की गई है. सीएमआईई के द्वारा दिए गए आंकड़े के अनुसार उत्तराखंड में बेराजगारी दर साल 2016 के मुकाबले साल 2021 तक 10 प्रतिशत तक गिर गई है. रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में सितंबर-दिसंबर 2016 में 40.01 प्रतिशत लोग कार्यरत थे जो सितंबर-दिसंबर 2021 में कम होकर महज 30.43 प्रतिशत पर पहुंच गई है.
वहीं इसे कामकाजी उम्र (15 साल या उससे अधिक) के आबादी के अनुसार समझे तो उत्तराखंड में पांच साल पहले 78 लाख कामकाजी उम्र की आबादी में 32.23 लाख से अधिक लोग कार्यरत थे. वहीं पिछले पांच सालों में कामकाजी उम्र की आबादी लगभग 14 प्रतिशत तक बढ़ी है और यह 91 लाख तक पहुंच गई है पर कार्यरत लोगों की संख्या बढ़ने की जगह कम हो गई है. दरअसल, रिपोर्ट के अनुसार साल 2021 दिंसबर तक कुल 91 लाख कामकाजी आबादी में सिर्फ 27.82 लाख लोग ही कार्यरत हैं जो साल 2016 के मुकाबले 4.41 लाख कम है.
विपक्षी पार्टियों को मिला निशाना साधने का मौका
चुनावी मौसम में सामने आए इन आंकड़ों से एक बार फिर से विपक्षी पार्टियों को सरकार पर निशाना साधने का मौका जरूर मिल गया है. वहीं सरकार और सत्तारूढ़ पार्टी से जुड़े हुए नेता लगातार कोरोना के माहौल में विश्व स्तर पर सामने आई चुनौतियों और समस्याओं का जिक्र कर भारत का वैश्विक स्तर पर प्रदर्शन की बात कर रहे हैं.
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