Joshimath Sinking Crisis: उत्तराखंड के चमोली (Chamoli) जिले में जोशीमठ में जमीन धंसने (Joshimath Sinking) का सिलसिला लगातार जारी है. सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि जोशीमठ सिर्फ 12 दिनों में ही 5.4 सेंटीमीटर तक धंस गया. घरों में दरार आने की वजह से लोग विस्थापित हो रहे हैं. आपदा की इस घड़ी में वहां के लोगों का काफी नुकसान हो रहा है. जहां सरकार एक तरफ राहत और पुनर्वास कार्य में लगी हुई है तो वहीं क्षेत्र का दौरान करने वाले वैज्ञानिक कह रहे हैं कि जोशीमठ को बचाना बहुत मुश्किल है. जमीन धंसने के ठीक कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है. सरकार (Uttarakhand Government) की तरफ से आपदा प्रभावित लोगों की मदद का आश्वासन दिया जा रहा है. 


जहां एकतरफ लोगों की मदद के लिए तमाम तात्कालिक उपाय किए जा रहे हैं तो वहीं सीएम पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) ने इसके लिए मुआवजे का ऐलान भी कर दिया है. इस बीच सीएम ने आज वहां हो रहे कार्यों के बारे में जानकारी दी है. इसमें सबसे बड़ी बात सीएम ने ये कही है कि किसी के घर को तोड़ा नहीं जा रहा है सिर्फ घर खाली कराया जा रहा है. 


सीएम ने क्या कहा
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जो भी क्षेत्र प्रभावित हैं वहां से लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है. अंतरिम राहत के रूप में डेढ़ लाख रुपए की सहायता देना कल से प्रारंभ कर दिया गया है. अभी किसी के घर को तोड़ा नहीं जा रहा है बल्कि केवल घर खाली कराया जा रहा है. सीएम ने आगे कहा, वहां पर सर्वे करने वाली टीम काम कर रही है. वहां 60% से अधिक चीजें सामान्य रूप से चल रही हैं. हम पुनर्वास की कार्रवाई पूरी तैयारी के साथ कर रहे हैं.






डीएम ने क्या कहा
वहीं चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने कहा कि निराकरण की कार्रवाई सुरक्षित तरीके से CBRI के देखरेख में की जानी है. CBRI द्वारा 1 सप्ताह का समय दिया गया है. कल मौसम खराब होने के कारण काम धीरे हुआ. अभी सभी टीमें तत्परता से काम कर रही हैं. हमारा प्रयास है कि आसपास के लोगों की सेफ्टी को देखते हुए काम हो.


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