Joshimath News: उत्तराखंड के जोशीमठ में जहां मई के महीने में बैसाखी का मेला लगा था. जिसमे गांव के अनुसूचित जाति के पुष्कर लाल हर साल ढोल बजाते थे, लेकिन इस साल अपना स्वास्थ्य खराब होने के चलते वो इस मेले में ढोल नहीं बजा सके. बस यही बात गांव के सवर्णों को बुरी लग गई. उन्होंने गांव में ही एक पंचायत बुलाकर पुष्कर लाल के ऊपर 5 हजार का जुर्माना लगा दिया और काफी कुछ कहा भी गया. पुलिस ने अब तक 28 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.


आपको बता दें कि गांव के ही एक धार्मिक आयोजन में ढोल न बजाना गांव के अनुसूचित जाति के पुष्कर लाल के लिए काफी महंगा पड़ गया. पुष्कर लाल पर गांव के सवर्णों ने 5000 हजार का जुर्माना लगा दिया. इस बात की खबर जब अनुसूचित जाति के ग्रामीणों तक पहुंची तो विवाद बढ़ने लगा.अनुसूचित जाति के ग्रामीणों ने सवर्णों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है. अनुसूचित जाति के ग्रामीणों का कहना है कि सवर्णों ने हमें हक से वंचित करने और सामूहिक बहिष्कार की धमकियां मिल रही है.

क्या बोले जोशीमठ के इंस्पेक्टर राकेश भट्ट
जोशीमठ कोतवाली इंस्पेक्टर राकेश भट्ट ने कहा है कि गांव के 28 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है. जिसकी जांच पुलिस कर रही है. उदार सवर्ण जाती के ग्रामीणों का कहना है कि गांव के मेले में विवाद रोकने के लिए पंचायत बुलाई गई थी. ये पंचायत हर साल बुलाई जाती है.


पंचायत हर साल ये निर्णय लेती है कि गांव में अगर कोई भी मेले में शराब पीकर आएगा या हंगामा करेगा तो उस पर दंड लगाया जाएगा. यह व्यवस्था सालो से चली आ रही है. इस व्यवस्था के तहत ढोलक वादक पर जुर्माना लगाया गया था.

28 लोगों के खिलाफ मुकदमा हुआ दर्ज
 इस मामले में बुधवार को जांच अधिकारी पुलिस उपाध्यक्ष प्रमोद शाह एसडीएम जोशीमठ चंद्रशेखर वशिष्ठ और कोतवाल राकेश चंद्र भट्ट ने गांव में जाकर पीड़ित पक्ष से बात की. उनके बयान लिए गए साथ ही उन्हें मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन भी दिया गया है. 


पीड़ित पक्ष की तहरीर पर 28 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. मामले में जांच के लिए बुधवार को गांव में गए जांच अधिकारियों के अगर मन तो उनका कहना है कि प्रथम दृश्य मामले में कुछ सच्चाई दिखाई दे रही है. जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.


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