Joshimath Crisis: जोशीमठ में दुकानदारों को 2 लाख रुपया, इन्हें मिलेगा बना बनाया मकान, उत्तराखंड कैबिनेट ने दी मंजूरी
Joshimath Landslide: आपदा प्रबंधन सचिव ने कहा, जिन इमारतों और व्यावसायिक भवनों का उपयोग नहीं किया जा सकता, उनके लिए मुआवजे की दर तय कर ली गयी है, भूमि के मुआवजे की दर बाद में तय की जाएगी.
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Uttarakhand News: उत्तराखंड मंत्रिमंडल (Uttarakhand Cabinet) ने जोशीमठ (Joshimath Disaster) में जमीन धंसने से प्रभावित परिवारों और लोगों को मुआवजा देने और उनके स्थायी पुनर्वास के लिए बुधवार को एक नीति को मंजूरी दी. मंत्रिमंडल ने जोशीमठ (Joshimath Crisis) में असुरक्षित घोषित किराये की दुकानों में कारोबार चला रहे लोगों को दो लाख रुपये की एकमुश्त वित्तीय सहायता देने की भी स्वीकृति दी है. मुख्य सचिव एस एस संधू ने संवाददाताओं से कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में प्रस्तावित नीति को मंजूरी दी गयी.
तय हो गयी मुआवजे की दर
संधू ने कहा कि कैबिनेट ने राज्य मोटा अनाज मिशन को भी मंजूरी दी जिसके तहत अंत्योदय अन्न योजना में प्रत्येक परिवार को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से एक किलोग्राम मोटा अनाज वितरित किया जाएगा, वहीं स्कूलों में मध्याह्न भोजन में भी मोटे अनाज से बना भोजन दिया जाएगा. जोशीमठ में प्रभावित लोगों को मुआवजा और उनके स्थायी पुनर्वास के लिए नीति की जानकारी देते हुए आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि जिन इमारतों और व्यावसायिक भवनों का उपयोग नहीं किया जा सकता, उनके लिए मुआवजे की दर तय कर ली गयी है लेकिन भूमि के मुआवजे की दर बाद में तय की जाएगी.
50 वर्ग मीटर क्षेत्र पर मकान
सिन्हा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित दूसरे विकल्प में कोई प्रभावित व्यक्ति अपने क्षतिग्रस्त घर के साथ ही 75 वर्ग मीटर तक की जमीन के लिए मुआवजा ले सकता है. तीसरे विकल्प में प्रभावित लोग अपने प्रभावित घर और जमीन के बदले में तैयार मकान की मांग कर सकते हैं. सिन्हा ने कहा कि राज्य सरकार उन्हें 50 वर्ग मीटर क्षेत्र पर बने मकान देगी और मवेशियों को रखने एवं अन्य कार्यों के लिए 25 वर्ग मीटर अतिरिक्त जमीन दी जाएगी.
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