Badrinath Yatra 2023: बद्रीनाथ यात्रा पर संकट! 4 महीने बाद होनी है शुरु, लेकिन हालातों ने बढ़ाई चिंता
Joshimath Landslide: जोशीमठ में सीजन की पहली बर्फबारी से खतरा बढ़ने की आशंका है. बर्फबारी की वजह से मकानों को गिराने का काम रोक दिया गया है. दरारें 3 दिनों में चौड़ी नहीं हुई हैं
Joshimath Sinking: उत्तराखंड (Uttarakhand) के जोशीमठ (Joshimath Crisis) में हो रहे भू धंसाव (Joshimath Landslide) के बीच बद्रीनाथ यात्रा को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. इसबार बद्रीनाथ यात्रा (Badrinath Yatra) जोशीमठ के हालातों पर निर्भर रहेगी, यानी यात्रा कब शुरू होगी या नहीं होगी यह वहां के हालात पर निर्भर है. बता दें कि 4 महीने के बाद बद्रीनाथ यात्रा शुरू होनी है. भगवान बद्रीनाथ का खजाना कहीं और शिफ्ट नहीं किया जाएगा. हालात पर मंदिर समिति की लगातार नजर है.
जोशीमठ में दरार बढ़ने का सिलसिला जारी है और वहां के हालात सामान्य नहीं हैं. आस पास के क्षेत्रों में भी दरार बढ़ती जा रही है. सरकार की तरफ से 181 भवन, होटल, गेस्ट हाउस को तोड़ने के आदेश दिए गए हैं. वहीं राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार (Pushkar Singh Dhami Government) की तरफ से राहत और पुनर्वास कार्य चलाए जा रहे हैं.
बर्फबारी से बढ़ सकता है खतरा
वहीं जोशीमठ में सीजन की पहली बर्फबारी हुई है, जिससे खतरा और भी बढ़ने की आशंका है. बर्फबारी की वजह से मकानों को गिराने का काम रोक दिया गया है. लगातार चौड़ी होती जा रही दरारें पिछले 3 दिनों में चौड़ी नहीं हुई हैं, लेकिन हालात चिंताजनक हैं. खतरा कम होने की बजाय बढ़ता ही जा रहा है. अभी तक 849 घरों को चिन्हित किया गया है और 259 परिवारों को राहत केंद्रों में भेजा गया है. अगले 2-3 दिन तक बर्फबारी होगी.
अमित शाह से मिले थे सीएम धामी
अधिकारी और विशेषज्ञों की टीम हालात का जायजा ले रही है. मुख्यमंत्री ने भी इसे लेकर राहत कार्यों की समीक्षा की और काम में तेजी लाने को कहा. सीएम धामी दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर लौटे थे. धामी ने कहा कि विस्थापन औैर पुनर्वास के लिए वहां के लोगों से मिलकर सुझाव लिये जाएं. उन्होंने इस संबंध में जल्द से जल्द रिपोर्ट भेजने को कहा. वहीं नया जोशीमठ बसाने के लिए सुझाव मांगे गए हैं.