Uttarakhand News: जोशीमठ (Joshimath) के सभी 9 वार्डों के 849 भवनों में अब तक दरारें देखने को मिली हैं. जोशीमठ के सभी नौ वार्डों में से चार वार्डों को रहने के लिए पूरी तरह से असुरक्षित बताया गया है. इनमें से 165 आवासों को रहने के लिए असुरक्षित पाया गया है. जेपी कॉलोनी के 15 भवनों को भी पूरी तरह से असुरक्षित बताया गया है. यह जानकारी उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव रंजीत सिन्हा (Ranjeet Sinha) ने मंगलवार को प्रेस वार्ता कर दी.


एक सप्ताह में तैयार हो जाएंगे प्री फेब्रिकेटेड भवन
रंजीत सिन्हा ने पत्रकारों से बात करते हुए जोशीमठ के मौजूदा हालातों के बारे में जानकारी साझा की. आपदा प्रबंधन सचिव ने बताया कि जोशीमठ में लोगों के रहने के लिए प्री फेब्रिकेटेड भवनों का निर्माण कार्य भी जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा, ताकि आपदा से पीड़ित लोगों को रहने के लिए जगह दी जा सके. उन्होंने बताया कि जोशीमठ के टीसीपी तिराह प्री फेब्रिकेटेड भवनों का निर्माण किया जाएगा. उन्होंने बताया कि प्रशासन का आश्वासन है कि इन भवनों को एक सप्ताह के भीतर तैयार कर दिया जाएगा.


घर बनाने के लिए पीपलकोठी में चिन्हित कर ली गयी है जमीन
रंजीत सिन्हा ने बताया कि विस्थापित लोगों के लिए पीपलकोटी में जमीन भी चिन्हित कर ली गयी है. इसके तहत लगभग 130 परिवारों के लिए यहां पर घरों का निर्माण किया जाएगा. उन्होंने बताया कि जोशीमठ में अब तक 207 परिवारों को 3 करोड़ 10 लाख रुपए की अग्रिम सहायता राशि भी वितरित की जा चुकी है. 


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घर बनाने के काम में जुटीं सरकारी एजेंसियां
जानकारी हो कि जोशीमठ में लैंडस्लाइड की खबरों के बाद राज्य सरकार लगातार यहां के लोगों के विस्थापन के लिए जुटी हुई है. यहां के लोगों को हर प्रकार की सहायता की जा रही है. सरकार पहले ही यहां के लोगों को रहने के लिए किराया देने की घोषणा कर चुकी है. सरकारी एजेंसियां उनके लिए घर बनाने और उसमें बसाने का काम करने में भी जुट गयी हैं. अब देखना यह है कि जोशीमठ को बचाने का सरकार कोई रास्ता निकाल पाती है कि नहीं.