Joshimath News: हेमकुंड साहिब के लिए पहली बार 3 महीने की बच्ची ने की सकुशल यात्रा, सबने वाहेगुरु का किया धन्यवाद
Hemkund Sahib: रेड अलर्ट (Red Alert) के बावजूद पहली बार हेमकुंड साहिब की यात्रा पर 3 महीने की छोटी सी बच्ची ने सकुशल यात्रा की. इसके बाद सबने वाहेगुरु का धन्यवाद किया.
Joshimath News: मौसम विभाग के रेड अलर्ट (Red Alert) के बावजूद पहली बार हेमकुंड साहिब की यात्रा पर 3 महीने की छोटी सी बच्ची ने सकुशल यात्रा की. इस यात्रा में वह मौसम विभाग के रेड अलर्ट के बीच श्री हेमकुंड साहिब पहुंची. हेमकुंड साहिब की ऊंचाई 15225 फीट पर स्थित सिक्खों का पवित्र गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मौजूद है. यहां की यात्रा बहुत ही कठिन होती है. जहां 16 किलोमीटर की पैदल खड़ी चढ़ाई को पार कर सिक्ख यात्री श्री हेमकुंड साहिब पहुंचता है.
छोटे बच्चे और बुजुर्गों के लिए यात्रा होती है वर्जित
वहीं यहां पहुंचने के लिए ऑक्सीजन सहित इतनी ज्यादा चढ़ाई होती है कि छोटे बच्चे और बुजुर्गों के लिए यह यात्रा वर्जित ही बताई जाती है क्योंकि यहां पर ऑक्सीजन की कमी होना साधारण सी बात है. ऐसे में छोटे बच्चे और बुजुर्गों को लोग यहां नहीं ले जाते हैं लेकिन आज 3 महीने की एक छोटी सी बच्ची जिसे अभी जन्म लिए तीन महीना हो रहा है वह इस यात्रा को अपने मां पिता के साथ सकुशल कर अब वापस लौट चुकी है. जिसके साथ ही गुरुद्वारा प्रबंधन ने भी वाहेगुरु का शुक्र अदा किया है कि इतनी छोटी सी बच्ची हेमकुंड साहिब की यात्रा से सकुशल लौट आई है क्योंकि यहां पर सबसे ज्यादा कड़ाके की ठंड ऑक्सीजन की कमी होती है.
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बच्ची की मां ने बताया कि सभी ने कहा था कि वहां ऑक्सीजन की कमी है, ऑक्सीजन लेकर जाओ, लेकिन वाहेगुरु पर विश्वास होना चाहिए, तो सब कुछ हो सकता है. इसलिए हम लेकर गए, काफी लोग थे जिन्हें ऑक्सीजन की प्रॉब्लम आई, बुजुर्ग भी थे जवान भी थें लेकिन वाहेगुरु की कृपा से हम अच्छे खासे वापस आए, जिस वक्त हम गए थे उस वक्त मौसम बहुत अच्छा था, बारिश होने वाली थी लेकिन उससे पहले हम वापस आ गए.
वाहेगुरु का किया धन्यवाद
हेमकुण्ड साहिब ट्रस्ट के प्रबंधक सेवा सिंह का कहना है कि गुरुद्वारा मैनेजमेंट ट्रस्ट और प्रशासन दोनों के तालमेल के साथ ये रहता है कि ज्यादा बुजुर्ग लोग ऊपर न जाए और छोटे बच्चे ना जाए, क्योंकि वहां पर ऑक्सीजन की कमी रहती है. इसलिए डर रहता है कि कहीं कोई अप्रिय घटना न घट जाए, लेकिन मैंने 12 से 15 सालों में पहली बार देखा हैं कि तीन महीने की बच्ची श्री हेमकुंड साहिब के दर्शन करके आई है और उनके माता पिता ने बताया कि बच्ची को उन्होंने वहां पर स्नान भी कराया, मैं वाहेगुरु का धन्यवाद भी करना चाहूंगा और ये कहना चाहूंगा की आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है हेमकुंड साहिब, जहां पर लोग जाने से भी डरते हैं लेकिन वहां पर तीन महीने की बच्ची को भी श्री हेमकुंड साहिब जी के दर्शन करवा कर लाए हैं. सभी प्रशासन का भी हम बहुत बहुत धन्यवाद करते हैं.
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