(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Joshimath News: धौली गंगा पर बन रही टनल में फंसी है बोरिंग मशीन, अभी 2500 मीटर बाकी है निर्माण, प्रोजेक्ट पड़ा है ठप्प
Joshimath Tunnel: डीजीएम पंकज धीमान का कहना है कि टीबीएम मशीन से 6 किमी हेड रेस टनल कट चुकी है. यहां 50 मीटर पेंच पर लूज आने से मशीन काम नहीं कर पा रही है. अप्रैल तक हम टीबीएम मशीन को चालू कर देंगे.
Joshimath News: देश की महारत्न कंपनियों में शुमार एनटीपीसी (नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन) की धौली गंगा पर बन रही 520 मेगावाट क्षमता वाली तपोवन विष्णुगाड जल-विद्युत परियोजना की हेड रेस टनल में टनल बोरिंग मशीन फंसने से अभी तक 2500 मीटर टनल नहीं बन पाई है. 2004 में शुरू हुई इस परियोजना को साल 2012 में बनकर तैयार हो जाना था, लेकिन इसी साल सुरंग निर्माण के दौरान कच्चे पहाड़ का कीचड़ और मलबा मशीन पर आ गिरा और वह सुरंग में ही दब गई.
इसके साथ ही परियोजना का कार्य भी ठप्प पड़ गया. कई बार मशीन को ठीक करने के बाद दोबारा चालू किया गया. बता दें कि परियोजना की 12.3 किमी लंबी सुरंग के 8.5 किमी हिस्से में कार्य टीबीएम मशीन से ड्रिलिंग द्वारा होना था. इसमें सेलंग के पास से 6 किमी हिस्सा तैयार हो चुका है. जबकि तपोवन से सुरंग के चार किमी हिस्से का कार्य ड्रिलिंग और ब्लास्ट से होना था, जिसमें से 2.5 किमी सुरंग तैयार हो चुकी है.
देश में पहली बार प्रयोग की जा रही मशीन
175 करोड़ रुपये की लागत वाली यह दुनिया की अत्याधुनिक मशीन है. इस मशीन का टनल निर्माण में उपयोग देश में पहली बार हो रहा है. जहां कठोर चट्टानी क्षेत्र होता है, वहां ये मशीन एक महीने में 800 से 900 मीटर तक पहाड़ काट देती है. लेकिन, चमोली जिले के जटिल भूगोल में यह मशीन एक महीने में 200 से 300 मीटर सुरंग ही काट पा रही है.
टीबीएम की खासियत यह है कि पहाड़ी के एक छोर से सुरंग काटते आगे बढ़ती है और दूसरे छोर से ही बाहर निकलती है. इसी बीच में ब्रेक नहीं किया जा सकता. मशीन द्वारा काटी गई सुरंग के चट्टानी क्षेत्र को साथ-साथ सिग्मेंट मोल्ड कर ठीक किया जाता है.
एनटीपीसी के जीएम राजेंद्र प्रसाद अहिरवार का कहना है कि यह टनल बनाने का बेहद सुरक्षित तरीका है, ताकि जमीन के अंदर निर्माण के दौरान कोई भूगर्भीय हलचल ना हो. इसपर सुरक्षा मानकों का खासा खयाल रखा जाता है. इसका काम करने का तरीका बेहद सुरक्षित है, इसलिए टनल निर्माण में टीबीएम मशीन का प्रयोग किया गया. 24 सितंबर 2009 को पहली बार टीबीएम अटकी. उसके बाद 6 मार्च 2011 में फिर मशीन शुरू हुई. 1 फरवरी 2012 को फिर मशीन बंद हुई, जो 16 अक्टूबर 2012 को फिर शुरू हुई, 24 अक्टूबर 2012 को बंद हुई और 21 जनवरी 2020 में 5 दिन चली.
एनटीपीसी के डीजीएम पंकज धीमान का कहना है कि टीबीएम मशीन से 6 किमी हेड रेस टनल कट चुकी है. यहां 50 मीटर पेंच पर लूज आने से मशीन काम नहीं कर पा रही है. मार्च-अप्रैल तक हम टीबीएम मशीन को चालू कर देंगे. उन्होंने कहा कि टीबीएम मशीन हार्ड रॉक के लिए है. इस टीबीएम मशीन की लंबाई 250 मीटर है. उन्होंने कहा कि दिन रात काम चल रहा है. 2500 मीटर अभी और टीबीएम मशीन द्वारा टनल कटनी है.
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