Uttarakhand News: जोशीमठ (Joshimath) में हुए भू-धंसाव और घरों में आई दरारों को लेकर जहां लोगों में हाहाकार मचा हुआ है. वहीं जोशीमठ में भवनों की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत (Harish Rawat) का बयान सामने आया है. हरीश रावत का कहना है कि सरकार के पास स्थिति से निपटने की समझ नहीं है. उन्होंने सरकार से पूछा है कि पीड़ित लोगों को क्या मुआवजा दिया जा रहा है. 


रुड़की पहुंचे पूर्व सीएम हरीश रावत ने एबीपी गंगा से खास बातचीत करते हुए कहा, 'जोशीमठ में बहुत विध्वंसक स्थिति बनी हुई है. सरकार के पास जोशीमठ की स्थिति से निपटाने की कोई समझ नहीं है. होटल और घरों को तोड़ने के आदेश दे दिए गए हैं लेकिन लोगों को मुआवजा क्या मिलेगा. सरकार इस पर नहीं बोल रही है.' हरीश रावत ने कहा कि लोगों को बसाने को लेकर सरकार कुछ नहीं बोल रही है. 


अब तक 678 घरों में आई दरार


हरीश रावत ने कहा कि सारा जोशीमठ धंसता जा रहा है इसलिए नए जोशीमठ को बसाने के लिए तत्काल जमीन की खोज करनी चाहिए. सरकार को जल्द ही जोशीमठ को सुरक्षित करना चाहिए. बता दें कि जोशीमठ इलाके में अब तक 678 घरों में अभी तक दरारें आई हैं. जोशीमठ प्रशासन ने  गांधीनगर, सिंहधार, मनोहर बाग और सुनील वार्ड को असुरिक्षत क्षेत्र घोषित किया है. उधर, भू-धंसाव की घटना के बाद टाउन प्लानर को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. बताया जा रहा है कि उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में टाउन प्लानर नहीं है और पूरे राज्य में टाउन प्लानर की 13 में से 10 सीटें रिक्त हैं. ऐसे में जाहिर है कि बिना टाउन प्लानर के ही राज्य में निर्माण काम चल रहा है. 


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