जोशीमठ: उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसकने ने बड़ी मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. जमीन धंसकने की वजह से अब वहां के मंदिर भी खतरे में पड़ गए हैं. जमीन धंसने को देखते हुए जोशीमठ के नरसिंह मंदिर ने अपने खजाने को कहीं और शिफ्ट करने का फैसला किया है. 


भगवान नरसिंह देव मंदिर में चढ़ाए गए 35 कुंटल चांदी को पीपलकोटी गेस्ट हाउस शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है. बद्री केदार मंदिर समिति इस मंदिर के खजाने को पीपलकोटी शिफ्ट करने की तैयारी कर रही है.जोशीमठ में लगातार बढ़ती जा रही दरारों के कारण लिया गया है यह बड़ा फैसला. समिति का मानना है कि जोशीमठ में हालात सामान्य होने में लगेगा लंबा समय. ऐसे में मंदिर में खजाने को रखना खतरनाक हो सकता है.


क्या कहना है मंदिर समिति का


समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक  बद्री केदार मंदिर समिति के प्रमुख अजेंद्र अजय ने कहा, '' मंदिर के खजाने में 30-35 क्लिंटल चांदी और 40-45 किलो सोना है. जोशीमठ में जमीन धंसने की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए हमने मंदिर के खजाने को अपने पीपलकोटी गेस्ट हाउस में शिफ्ट करने का फैसला किया है.इसकी तैयारी कर ली गई है. ''


उन्होंने कहा, ''मैंने कुछ समय पहले जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को एक पत्र लिखकर जोशीमठ के नरसिंह मंदिर पर एक रिपोर्ट मांगी थी. उन्होंने बताया कि शुरूआती रिपोर्ट में बताया गया है कि अभी मंदिर परिसर को कोई खतरा नहीं है.''


जोशीमठ का नरसिंह मंदिर 


जोशीमठ स्थित नरसिंह मंदिर पर्यटकों में काफी लोकप्रिय है.सप्त बद्री के एक भाग के रूप में यह मंदिर प्रसिद्ध है. नरसिंह मंदिर को नरसिंह बद्री मंदिर भी कहा जाता है, इस मंदिर में देवता आधे शेर और आधे आदमी के रूप में भगवान विष्णु (नरसिंह अवतार) के चौथे अवतार के रूप में स्थापित है. यह जोशीमठ के लोअर बाजार इलाके में स्थित है. यह मंदिर जोशीमठ यात्रा के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है.


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