Joshimath Sinking Live: जोशीमठ मामले पर पीएम मोदी और सीएम धामी के बीच हुई बात, थोड़ी देर में PMO की बैठक
Joshimath Sinking Live: जोशीमठ (Joshimath) में 11 और परिवारों को शनिवार को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया. शहर में दरार से प्रभावित घरों की संख्या बढ़कर 603 हो गई है.
उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने और कई स्थानों पर घरों में दरारें पड़ने की घटनाओं के बाद पीएमओ रविवार दोपहर को इस संकट पर उच्चस्तरीय बैठक करेगा. ये बैठक थोड़ी देर में शुरू होगी.
उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने और कई स्थानों पर घरों में दरारें पड़ने की घटनाओं के बाद पीएमओ रविवार दोपहर को इस संकट पर उच्चस्तरीय बैठक करेगा. इस बैठक में जोशीमठ जिला प्रशासन और उत्तराखंड सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हिस्सा लेंगे.
उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने और कई स्थानों पर घरों में दरारें पड़ने की घटनाओं के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) रविवार दोपहर को इस संकट पर उच्चस्तरीय बैठक करेगा. सरकारी बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा कैबिनेट सचिव, केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्यों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे.
जोशीमठ आपदा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर हालातों की जानकारी ली है. वर्तमान में चल रहे जोशीमठ जमीन धंसने के मामले पर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विस्तृत जानकारी दी है.
जोशीमठ भू-धंसाव पर प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी. के. मिश्रा आज दोपहर PMO में कैबिनेट सचिव और भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्यों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा करेंगे.
जोशीमठ में स्थिति गंभीर बनी हुई है क्योंकि इमारतों और संरचनाओं में दरारें पड़ना जारी हैं. हमारे गणित की इमारत में दरारें आ गई हैं. विकास अब विनाश का कारण बन गया है क्योंकि पनबिजली परियोजनाओं, सुरंगों ने हमारे शहर को प्रभावित किया है: प्रशासन, ज्योतिर्मठ
जोशीमठ के मामले में समिति ने सरकार को अंतरिम रिपोर्ट सौंपी दी है. आपदा प्रबंधन के सचिव रंजीत सिन्हा की अध्यक्षता में समिति बनी थी. समिति ने केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान डिजायन तैयार करेगा. ये सिफारिशें भी समिति ने की है.
जोशीमठ के मामले में समिति ने सरकार को अंतरिम रिपोर्ट सौंपी दी है. आपदा प्रबंधन के सचिव रंजीत सिन्हा की अध्यक्षता में समिति बनी थी. समिति ने रिपोर्ट में कहा कि आधा जोशीमठ आपदा ग्रस्त है. जर्जर भवनों को तत्काल गिराए जाने की जरूरत है.
बदरीनाथ मंदिर के पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने भी इमारतों में दरार पड़ने के लिए एनटीपीसी की परियोजनाओं को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, “तपोवन-विष्णुगढ़ पनबिजली परियोजना की सुरंग जोशीमठ के ठीक नीचे स्थित है. इसके निर्माण के लिए बड़ी बोरिंग मशीनें लाई गई थीं, जो पिछले दो दशक से इलाके में खुदाई कर रही हैं.” उनियाल ने कहा, “सुरंग के निर्माण के लिए रोजाना कई टन विस्फोटकों का इस्तेमाल किया जा रहा है. एनटीपीसी द्वारा बड़ी मात्रा में विस्फोटकों का इस्तेमाल करने की वजह से इस साल तीन जनवरी को जमीन धंसने की रफ्तार बढ़ गई.”
जोशीमथ बचाओ संघर्ष समिति के संजोयक अतुल सती ने बताया कि नवंबर 2021 में जमीन धंसने की वजह से 14 परिवारों के घर रहने के लिए असुरक्षित हो गए थे. उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद लोगों ने 16 नवंबर 2021 को तहसील कार्यालय पर धरना देकर पुनर्वास की मांग की थी और एसडीएम को ज्ञापन सौंपा था, जिन्होंने (एसडीएम) खुद भी स्वीकार किया था कि तहसील कार्यालय परिसर में भी दरारें पड़ गई हैं.
जोशीमथ बचाओ संघर्ष समिति के संजोयक अतुल सती ने कहा, “हम पिछले 14 महीनों से अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन हमारी बात पर ध्यान नहीं दिया गया. अब जब स्थिति हाथ से निकल रही है तो वे चीजों का आकलन करने के लिए विशेषज्ञों की टीम भेज रहे हैं.” उन्होंने कहा, “अगर समय रहते हमारी बात पर ध्यान दिया गया होता तो जोशीमठ में हालात इतने चिंताजनक नहीं होते.”
जोशीमठ में भूधसाव के कारण करीब 603 घरों में दरारें आ गई हैं. शनिवार उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ के दौरे पर निरीक्षण करने गए थे. अब रविवार को पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता हरीश रावत भी जोशीमठ जाएंगे.
उत्तराखंड में जोशीमठ के संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग को लेकर एक साधु ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया है कि यह घटना बड़े पैमाने पर औद्योगीकरण के कारण हुई है और उत्तराखंड के लोगों को तत्काल आर्थिक सहायता और मुआवजा देने का अनुरोध किया गया है.
जोशीमठ में करीब 603 घरों में दरार आ गई है. इसके अलावा कई परिवारों को रेस्क्यू किया जा रहा है. वहीं प्रभावित परिवारों को 4-4 हजार की मदद सरकार के ओर से दी जाएगी.
उत्तराखंड के जोशीमठ में बड़े पैमाने पर चल रहीं निर्माण गतिविधियों के कारण इमारतों में दरारें पड़ने संबंधी चेतावनियों की अनदेखी करने को लेकर स्थानीय लोगों में सरकार के खिलाफ भारी आक्रोश है. स्थानीय लोग इमारतों की खतरनाक स्थिति के लिए मुख्यत: एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगढ़ परियोजना को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जमीनी स्तर पर स्थिति का जायजा लेने के लिए जोशीमठ का शनिवार को दौरा किया. अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने प्रभावित लोगों से भेंट की तथा उन्हें सभी तरह की सहायता का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उन अधिकारियों एवं विशेषज्ञों के दल से भी मुलाकात की जो बृहस्पतिवार से ही इस शहर में स्थिति की निगरानी कर रहा है.
पूरे क्षेत्र में धसाव नहीं है. एक हिस्सा है जहां पहले से कुछ दरारें थी. वैज्ञानिक अभी अध्ययन कर रहे हैं कि किस कारण से ऐसा हो रहा है. अधिकांश जोशीमठ में ऐसा नहीं हो रहा है इसलिए हम जोशीमठ में ही लोगों को स्थानांतरित कर रहे हैं: ज़िलाधिकारी हिमांशु खुराना, चमोली
पूरे क्षेत्र में धसाव नहीं है. एक हिस्सा है जहां पहले से कुछ दरारें थी. वैज्ञानिक अभी अध्ययन कर रहे हैं कि किस कारण से ऐसा हो रहा है. अधिकांश जोशीमठ में ऐसा नहीं हो रहा है इसलिए हम जोशीमठ में ही लोगों को स्थानांतरित कर रहे हैं: ज़िलाधिकारी हिमांशु खुराना, चमोली
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा, ‘‘ उत्तराखंड सरकार से अपेक्षा है कि वो इस कठोर मौसम में लोगों का संज्ञान ले कर उनके तत्काल पुनर्वास का प्रबंध करे और मंदिर की सुरक्षा सुनिश्चित करे.’’ उल्लेखनीय है कि बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब और अंतरराष्ट्रीय स्कीइंग स्थल औली जैसे प्रसिद्ध स्थलों का प्रवेश द्वार जोशीमठ आपदा के कगार पर खड़ा है.
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘प्रकृति के विरुद्ध जा कर, पहाड़ों पर लगातार खुदाई और अनियोजित निर्माण से आज जोशीमठ के लोगों पर भयानक संकट टूट पड़ा है. इस कड़कड़ाती ठंड में, इस आपदा ने लोगों से उनके आशियाने छीन लिए हैं. वहां के सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मेरी अपील है कि जल्द से जल्द लोगों की मदद करें और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाएं.’’
‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाल रहे राहुल गांधी ने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘उत्तराखंड के जोशीमठ से आ रही तस्वीरें अत्यंत भयावह हैं, जिन्हें देख कर काफी विचलित हूं. घरों में चौड़ी दरारें, पानी का रिसाव, ज़मीन का फटना और सड़कों का धंसना बेहद चिंताजनक है. एक हादसे में, भूस्खलन से भगवती मंदिर तक ढह गया.’’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उत्तराखंड के जोशीमठ में जगह-जगह धरती धंसने की घटना पर चिंता जताते हुए शनिवार को कहा कि राज्य सरकार को लोगों के तत्काल पुनर्वास और मंदिर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने चाहिए. उन्होंने स्थानीय कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे लोगों की हरसंभव मदद करें.
जोशीमठ में लगभग 600 प्रभावित परिवारों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर भेजे जाने का निर्देश देने के एक दिन बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जमीनी स्थिति का जायजा लेने के लिए शनिवार को जोशीमठ का दौरा किया. मुख्यमंत्री ने उन घरों का भी दौरा किया, जिनकी दीवारों और छत में चौड़ी दरारें आ गई हैं.
जोशीमठ में 11 और परिवारों को शनिवार को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया. शहर में दरार से प्रभावित घरों की संख्या बढ़कर 603 हो गई है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
उत्तराखंड में जोशीमठ के संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग को लेकर एक साधु ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया, ‘‘मानव जीवन और उनके पारिस्थितिकी तंत्र की कीमत पर किसी भी विकास की आवश्यकता नहीं है और अगर ऐसा कुछ भी हो रहा है तो यह राज्य और केंद्र सरकार का कर्तव्य है कि इसे तुरंत रोका जाए.’’
उत्तराखंड में जोशीमठ के संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग को लेकर एक साधु ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया है कि यह घटना बड़े पैमाने पर औद्योगीकरण के कारण हुई है और उत्तराखंड के लोगों को तत्काल आर्थिक सहायता और मुआवजा देने का अनुरोध किया गया है.
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Joshimath Sinking Live: उत्तराखंड में जोशीमठ के संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग को लेकर एक साधु ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया है कि यह घटना बड़े पैमाने पर औद्योगीकरण के कारण हुई है और उत्तराखंड के लोगों को तत्काल आर्थिक सहायता और मुआवजा देने का अनुरोध किया गया है. याचिका में कहा गया, ‘‘मानव जीवन और उनके पारिस्थितिकी तंत्र की कीमत पर किसी भी विकास की आवश्यकता नहीं है और अगर ऐसा कुछ भी हो रहा है तो यह राज्य और केंद्र सरकार का कर्तव्य है कि इसे तुरंत रोका जाए.’’
जोशीमठ में 11 और परिवारों को शनिवार को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया. शहर में दरार से प्रभावित घरों की संख्या बढ़कर 603 हो गई है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. चमोली के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एन.के. जोशी ने कहा कि दरार के कारण 11 और घरों में रहने वाले परिवारों को अस्थायी राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया है. लगभग 600 प्रभावित परिवारों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर भेजे जाने का निर्देश देने के एक दिन बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जमीनी स्थिति का जायजा लेने के लिए शनिवार को जोशीमठ का दौरा किया.
जनपद गौतमबुद्ध नगर के थाना ईकोटेक-प्रथम क्षेत्र में स्थित एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करने वाले दो पीएसओ के बीच शनिवार शाम को किसी बात को लेकर आपस में कहासुनी हो गई. इस घटना में एक ने दूसरे को गोली मार दी. इस घटना में गोली लगने से घायल पीएसओ की मौत हो गई। दोनों पूर्व सैनिक हैं. पुलिस मुकदमा दर्ज कर आरोपी की तलाश कर रही है. अपर पुलिस उपायुक्त (जोन तृतीय) दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि पीएसओ चांद को साथी हर्ष ने अपनी लाइसेंसी पिस्तौल से गोली मार दी गई.
गौतमबुद्ध नगर के थाना सेक्टर-39 क्षेत्र के सेक्टर-100 में रहने वाली 16 वर्षीय किशोरी को अगवा कर एक युवक ने उसके साथ कथित तौर पर बलात्कार किया. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस उपायुक्त (महिला सुरक्षा) मीनाक्षी कात्यायन ने बताया कि पीड़िता के पिता ने आरोपी सुबोध पर उसकी बेटी को अगवा कर उसके साथ बलात्कार करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया है. पुलिस के मुताबिक, पीड़िता आरोपी के चंगुल से छूट कर अपने घर आई तथा उसने अपनी आपबीती परिजनों को बताई.
मथुरा जिले की पुलिस ने शनिवार को कथित तौर पर एक युवती का अपहरण कर आगरा की ओर ले जाते समय यमुना एक्सप्रेस-वे पर दिल्ली निवासी आरोपी युवक को गिरफ्तार किया. पुलिस ने आरोपी के कब्जे से पिस्तौल बरामद की है. एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने बताया कि पीड़िता और युवक एक ही कंपनी में कार्यरत हैं. उन्होंने बताया कि दक्षिण दिल्ली निवासी फिरोज खां ने युवती के कंपनी से निकलते ही गेट पर पिस्तौल के बल पर कार में बैठा लिया और उसे यमुना एक्सप्रेस-वे पर ले आया.
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