Joshimath Land Sinking: उत्तराखंड के जोशीमठ को भूस्खलन और धंसाव क्षेत्र घोषित किए जाने के बाद राहत और बचाव के प्रयास तेज कर दिए गए हैं. वहीं अभी तक जोशीमठ के 610 घरों में अभी तक दरारें आने की सूचना मिली है. प्रशासन की ओर से रविवार तक 68 परिवारों को किया गया सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा चुका है. वहीं प्रशासन ने जोशीमठ के गांधीनगर, सिंहधार, मनोहर बाग और सुनील वार्ड असुरक्षित क्षेत्र घोषित कर दिया है.


इससे पहले उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने लगभग 600 प्रभावित परिवारों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का निर्देश देने के एक दिन बाद जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए शनिवार को जोशीमठ का दौरा किया था. उस दौरान सीएम धामी ने कहा था कि जोशीमठ संस्कृति,धर्म और पर्यटन के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है. इसे बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे.य


चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने क्या कहा
वहीं चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने राहत और बचाव प्रयासों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि शहर के भीतर विभिन्न स्थानों पर 229 कमरों की पहचान की गई है. जिनमें 1,271 लोगों को ठहराया जा सकता है.उन्होंने बताया कि इनमें से 46 परिवारों को आवश्यक घरेलू सामान खरीदने के लिए 5000 रुपये प्रति परिवार की दर से 2.30 लाख रुपये की अनुग्रह राशि के अलावा राशन किट वितरित की गई है.


उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने भी किया जोशीमठ का दौरा
जिलाधिकारी ने घर-घर जाकर क्षतिग्रस्त घरों में रहने वाले लोगों से उन्हें खाली करने और अस्थायी राहत केंद्रों में जाने का अनुरोध किया.  वहीं उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू ने जमीनी स्थिति का जायजा लेने के लिए रविवार को जोशीमठ के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. मुख्य सचिव ने कहा, ‘‘ऐसी स्थिति में आपको कोई जोखिम नहीं उठाना चाहिए। निवासियों की सुरक्षा तात्कालिक प्राथमिकता है और यह सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन लगातार काम कर रहा है.’’उन्होंने कहा कि भूवैज्ञानिक विशेषज्ञ भूमि धंसने के कारणों का पता लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनकी सिफारिशों के आधार पर जोशीमठ में जरूरी उपाय किए जाएंगे.


जोशीमठ भूस्लखन के व्यापक खतरे वाला क्षेत्र घोषित 
वहीं हिमांशु खुराना ने कहा कि जोशीमठ को भूस्लखन के व्यापक खतरे वाला क्षेत्र घोषित किया गया है और 60 से अधिक प्रभावित परिवारों को अस्थायी राहत केंद्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है. वहीं गढ़वाल के आयुक्त सुशील कुमार ने बताया कि कम से कम 82 और परिवारों को जल्द से जल्द अस्थायी राहत केंद्रों में ले जाना होगा.


बता दें आज केंद्रीय गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य जोशीमठ शहर का दौरा करेंगे और वहां जमीन धंसने की बढ़ती चिंताओं के बीच स्थिति का जायजा लेंगे.