Joshimath Sinking: उत्तराखंड (Uttarakhand) के जोशीमठ में जमीन धंसने और कई स्थानों पर घरों में दरारें पड़ गई हैं. वहीं उत्तराखंड सरकार लगातार वहां रेस्क्यू ऑपरेशन (Rescue Operation) चला रही है. एनडीआरएफ (NDRF) और एसडीआरएफ (SDRF) की टीम भी ऑपरेशन में लगाई गई है. स्थानीय प्रशासन ने भी राहत और बचान कार्य तेज कर दिया है. रेस्क्यू ऑपरेशन की हर रोज समीक्षा की जा रही है. 


जोशीमठ में प्रशासन द्वारा 603 परिवारों को चिन्हित किया गया है. वहीं 68 परिवारों को सुरक्षित जगह भेजा गया है. वहीं 38 परिवारों को मदद के तौर पर किराया दिया गया है. जबकि पूरे विस्थान का काम तीन फेज में बांटा गया है. इसके अलावा चार वार्डों में नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. इसके अलावा UPCL और PITCUL टीमें जोशीमठ में तैनात की गई हैं. वहीं पीएमओ के ओर से भी मदद का भरोषा दिया गया है.




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जोशीमठ में अब आगे क्या होगा?
रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए आठ सदस्यीय विशेष कमेटी ने रिपोर्ट सौंपी है. दूसरी ओर नुकसान का पता लगाने के लिए सर्वे शुरू कर दिया गया है. प्रशासन हर दिन जांच और सर्वे का काम तेज करते जा रहा है. जांच और सर्वे के काम को लेकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हर रोज बैठक हो रही है. इसके अलाव विस्थापन को लेकर कमेटी गठित होगी. जोशीमठ में IIT रुड़की जियोटेक्निकल स्टडी करेगी. वहीं वाडिया इंस्टीट्यूट सिस्मिक टेस्ट करेगा. NIH हाइड्रोलॉजिकल टेस्ट की रिपोर्ट एक महीने में मिलेगी. जबकि होटल ‘मलारी’ और ‘माउंट व्यू’ हटाए जाएंगे.


हर रोज की तरह मंगलवार को मुख्य सचिव बैठक करेंगे और रोजाना का फीडबैक लेंगे. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पर फैसला संभव है. इसमें चीफ जस्टिस के सामने मामला रखा जाएगा. रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट भी जोशीमठ पहुंचेंगे. वे पहले मंगलवार को सुबह 11 बजे आर्मी ब्रिगेड हेड क्वाटर में अहम बैठक करेंगे. रक्षा राज्यमंत्री जोशीमठ के प्रभावितों से भी मिलेंगे.