Joshimath पर बोले सीएम पुष्कर सिंह धामी- 600 से अधिक मकानों को जोन में बांटा, लोगों की शिफ्टिंग जारी
Joshimath News: सीएम पुष्कर सिंह ने कहा कि खतरे में आने वाले 68 मकान में रहने वालों को सुरक्षित जगह भेजा गया है. 600 से ज्यादा घरों का एक जोन बना है. जहां से लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है.
Joshimath Land Slide: उत्तराखंड के जोशीमठ (Joshimath) पर भू धंसाव (Land Slide) का खतरा मंडरा रहा है. हर दिन के साथ वहां पर दहशत बढ़ती जा रही है. अब तक 600 से ज्यादा घरों में दरारें आ चुकी है. जिसके बाद प्रशासन ने राहत एवं बचाव कार्य भी तेज कर दिया है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री सीएम पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) भी लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं. लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है. सीएम धामी ने इस बारे में जानकरी देते हुए कहा कि जोशीमठ में सभी लोग काम पर लगे हुए हैं. खतरे में आने वाले 68 मकानों को लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया है.
जोशीमठ में भू धंसाव से उपजे हालात को लेकर सीएम धामी ने कहा कि "मैंने सभी से अनुरोध किया है कि ये समय मिलकर काम करने का है. लोग इस काम पर लगे हुए भी हैं. खतरे में आने वाले 68 मकान में रहने वालों को सुरक्षित जगह शिफ्ट किया गया है और 600 से अधिक मकानों का जो एक जोन बना है. वहां से भी लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है."
इससे पहले सीएम धामी शनिवार को जोशीमठ पहुंचे थे जहां उन्होंने पूरे इलाके का हवाई और जमीनी सर्वेक्षण किया. जिसके बाद उन्होंने वहां के लोगों से भी बात की और हर संभव मदद का भरोसा दिया है. सीएम धामी ने कहा कि जोशीमठ संस्कृति, धर्म और पर्यटन के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है. इसे बचाने के लिए हर संभव कोशिश की जाएगी.
दरअसल जोशीमठ में जमीन धंसाव के खतरे को देखते हुए प्रशासन ने तीन जोन में बांटने का फैसला किया है. ये जोन असुरक्षित, सुरक्षित और बफर जोन होंगे. जोन के आधार पर घरों के चिन्हीकरण के आदेश दिए गए हैं. असुरक्षित जोन में ऐसे मकान होंगे जो ज्यादा जर्जर हैं और रहने लायक नहीं हैं. सुरक्षित जोन में वो भवन होंगे जिनमें हल्की दरारें हैं और दरारों का आकार स्थिर है बढ़ नहीं रहा है. बफर जोन में वो भवन होंगे जिनमें हल्की दरारें हैं, लेकिन दरारों के बढ़ने का खतरा है. प्रशासन ने जोशीमठ के गांधीनगर, सिंहधार, मनोहर बाग और सुनील वार्ड को असुरक्षित क्षेत्र घोषित कर दिया है.
ये भी पढ़ें- Heart Attack: कानपुर में जानलेवा बनी सर्दी, 6 दिन में 114 की हार्ट और ब्रेन स्ट्रोक से मौत, 604 मरीजों का जल रहा इलाज