Kedarnath To Sonprayag: केदारनाथ धाम से सोनप्रयाग का सफर अब 8 घंटे नहीं सिर्फ 60 मिनट में होगा तय, रोपवे प्रोजेक्ट को मिली मंजूरी
उत्तराखंड सरकार में वन और लोक निर्माण विभाग के प्रमुख आरके सुधांशु ने जानकारी दी कि केदारनाथ अभयारण्य क्षेत्र में राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड ने रोपवे के निर्माण को मंजूरी दे दी है.
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Kedarnath Dham To Sonpryag: उत्तराखंड सरकार ने केदारनाथ में रोपवे परियोजना को मंजूरी दे दी है. यह रोप वे केदारनाथ धाम और सोनप्रयाग के बीच की दूरी को कई घंटे कम कर देगी. दीगर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केदारनाथ धाम यात्रा से पहले इस परियोजना को मंजूरी दी गई है. रोपवे के बनने से सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम के बीच की दूरी काफी कम हो जाएगी. उस यात्रा को पैदल या टट्टू से तय करने में आमतौर पर लगभग 8 से 12 घंटे लगते हैं. हालांकि, परियोजना के पूरा होने के बाद, तीर्थयात्री इसे केवल एक घंटे में कर पाएंगे.
केदारनाथ रोपवे से सोनप्रयाग से केदारनाथ की दूरी 13 किमी होगी. रोपवे समुद्र तल से 11,500 फीट (3,500 मीटर) की ऊंचाई पर दुनिया के सबसे ऊंचे रोपवे में से एक होगा. माना जा रहा है कि इस रोपवे को बनाने में 1,200 करोड़ रुपये लगेंगे. बता दें केदारनाथ धाम में हर साल बड़ी संख्या में तीर्थयात्री आते हैं और इस परियोजना के पूरा होने के बाद उनकी संख्या और बढ़ने की उम्मीद है.
गरुड़चट्टी तक साढ़े पांच किलोमीटर फुट ट्रैक के निर्माण को भी मंजूरी
उत्तराखंड सरकार में वन और लोक निर्माण विभाग के प्रमुख आरके सुधांशु ने बताया कि केदारनाथ अभयारण्य क्षेत्र में राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड ने रोपवे के निर्माण को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही बोर्ड ने केदारनाथ के फुट ट्रैक और हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना को भी हरी झंडी दे दी है.
इस परियोजना में कुल 26 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा. इन परियोजनाओं का निर्माण केंद्र सरकार की परिवारमा परियोजना के तहत किया जाएगा. इसके साथ ही नेशनल बोर्ड ऑफ वाइल्ड एनिमल्स ने रामबाड़ा से गरुड़चट्टी तक साढ़े पांच किलोमीटर फुट ट्रैक के निर्माण को भी मंजूरी दे दी है जो 2013 की एक घटना में क्षतिग्रस्त हो गया था.
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