JP Nadda Agra visit: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का आगरा दौरा कई मायनों में खास रहा. बीजेपी ब्रज क्षेत्र में 2017 विधानसभा चुनाव के मुकाबले और ज्यादा मजबूती से केसरिया झंडा फहराने को लालायित दिख रही है. "सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास" बीजेपी का मूलमंत्र है और ऐसे में ये संदेश को किस तरीके से लोगों के दिल में उतारा जाएृ. कुछ यही संदेश जेपी नड्डा आगरा की संगठनात्मक बैठक में देकर गए हैं. तमाम सामाजिक संगठनों को जोड़ते हुए सभी वर्गों का ध्यान रखते हुए भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ किस तरह से पहुंचे और लाभार्थी ये जाने कि सरकार उनके साथ खड़ी है. यह काम कार्यकर्ताओं को बूथ स्तर पर करना है. 


इस आधार पर मिलेगा टिकट 
जेपी नड्डा ने अपने भाषण में स्पष्ट कर दिया कि जनता में विधायकों का जो फीडबैक है उसी के आधार पर साल 2022 के विधानसभा चुनाव में टिकट मिलने का आधार होगा. उन्होंने कहा सबका साथ, सबका विकास के लक्ष्य से कई सारे विधायक दूर खड़े नजर आ रहे हैं. अभी हाल ही में 5 अगस्त को हुए राशन महोत्सव में तमाम विधायकों की मौजूदगी नजर ना आने को लेकर भी उन्होंने नसीहत दी. उनका कहना था मलिन बस्तियों, गांवों में ज्यादा से ज्यादा प्रवास होना चाहिए और बूथ भी तभी मजबूत होगा जब हर वर्ग के लोगों का पार्टी से जुड़ाव होगा. उन्होंने कहा कि आपको जन भावना के संरक्षक के तौर पर काम करना है ना कि एक नेता के तौर पर, तभी आप विधानसभा तक दोबारा पहुंच पाएंगे.


लगातार जनता से संवाद बना कर रखें
जेपी नड्डा का जोर पुराने कार्यकर्ताओं को फिर से पार्टी में जोड़ने पर भी रहा. उन्होंने कहा कि कई वजहों से नाराज पुराने कार्यकर्ताओं की फिर से बड़े नेता सुध लें और उनको एक बार फिर से पार्टी के साथ काम करने का आग्रह करें. संगठन को मजबूत करने के साथ ही विधायकों की जवाबदेही पर भी जेपी नड्डा ने बात की. उन्होंने कहा कि सभी विधायक अपना कार्यालय सक्रिय करें जिनका कार्यालय नहीं बना है, वो कार्यालय बनाएं और इसे लेकर आगे की रणनीतियों का लेखा-जोखा रखें. लगातार जनता से संवाद बना कर रखें और एक सहायक जरूर रखें. 


बूथ को मजबूत करने पर रहा जोर
बातों-बातों में नड्डा ने इशारा किया कि कॉरपोरेट की तर्ज पर "की रिजल्ट एरिया" की तरह ही विधायकों के रिपोर्ट कार्ड तैयार किए जाएंगे और उसी के आधार पर आगे की टिकट रणनीति निर्धारित होगी. उन्होंने कहा कि जनता के फीडबैक के काफी मायने होते हैं. विधायकों ने क्या किया ये जनता के फीडबैक के आधार पर ही तय होता है. जेपी नड्डा का पूरा जोर बूथ को मजबूत करने पर रहा. उन्होंने कहा कि बूथ को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत करें और उसके आधार पर ये तय करें कि आगे के मिशन 2022 को लेकर कहां मेहनत करनी है और कितनी करनी है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गायत्री परिवार, राधास्वामी मत जैसे धार्मिक संगठनों के लोगों से भी संपर्क बनाकर रखें और उनकी समस्याओं का निदान करें. 


क्या कहते हैं आंकड़े 
अगर आंकड़ों पर गौर किया जाए तो ब्रज क्षेत्र इस समय बीजेपी के लिए सबसे मजबूत गढ़ माना जा रहा है.  बीजेपी संगठन के मुताबिक ब्रज क्षेत्र में 13 लोकसभा, 65 विधानसभा आती हैं. साल 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां से 10 सीटें जीती थी और मैनपुरी, फिरोजाबाद और बदायूं सीट पर हार का सामना करना पड़ा था. साल 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने हारी हुई 3 सीटों में से 2 सीटें और जीतकर रिकॉर्ड 13 में से 12 सीटों पर दर्ज की थी. इसी तरह 65 विधानसभाओं में 57 विधानसभा पर बीजेपी के विधायक चुने गए और अभी हाल ही में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बीजेपी ने ब्रज क्षेत्र में शानदार परफॉर्मेंस किया है. ब्रज क्षेत्र के 129 ब्लॉकों में से 115 ब्लॉक पर बीजेपी के प्रत्याशियों ने बाजी मारी. यही वजह है कि बीजेपी की कोशिश है कि पार्टी अपने इस मजबूत गढ़ में 2017 के मुकाबले और ज्यादा बेहतर प्रदर्शन करे.



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