यूपी के जज अपने प्राइवेट वाहनों पर नहीं लिख सकेंगे पदनाम, हाईकोर्ट ने लगाई रोक
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण आदेश जारी करते हुये कहा है कि अब जजेज अपने वाहनों पर पदनाम या किसी भी तरह का संकेत का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। यही नहीं हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा कि उल्लंघन करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगा।
प्रयागराज, मोहम्मद मोइन। देश में लागू हुए नये ट्रैफिक नियमों के बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी यूपी के जजेज के वाहनों के लिए नया आदेश जारी किया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी की अदालतों में कार्यरत जजेज व ज्यूडिशियल आफिसर्स के निजी वाहनों पर उनका पदनाम लिखे जाने पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी है। इतना ही नहीं जजेज अब निजी वाहनों की नंबर प्लेट पर अपने विभाग या पद का जिक्र भी नहीं कर सकेंगे और न ही कोई लोगो लगा सकेंगे।
चीफ जस्टिस गोविन्द माथुर के निर्देश पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल मयंक कुमार जैन ने यह आदेश जारी किया है। रजिस्ट्रार जनरल ने यूपी के सभी जिला जजेज और ओएसडीज को यह सर्कुलर भेजकर इस आदेश का सख्ती से पालन कराए जाने को कहा है। आदेश में यह भी कहा गया है कि जो भी न्यायिक अधिकारी इस आदेश का पालन नहीं करेगा और वाहनों पर अपना पदनाम लिखवाएगा, उसके खिलाफ अनुशासनहीनता के मामले में कार्रवाई की जाएगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों ने हाईकोर्ट के इस आदेश का स्वागत किया है और कहा है कि इसके दूरगामी नतीजे देखने को मिलेंगे।
हाईकोर्ट के वकीलों के मुताबिक इस आदेश के जरिये यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि अदालती कामकाज के बाद जजेज भी साधारण नागरिक हैं और उन्हें समाज में उसी रूप में रहना भी चाहिए। हाईकोर्ट ने इस बारे में पहले भी जारी आदेश पर पूरी तरह अमल नहीं होने पर नाराज़गी जताई है। अदालत ने इस बारे में जारी सर्कुलर में कहा है कि तमाम जजेज व ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट अपने निजी वाहनों पर पदनाम लिख रहे हैं, जो कि गलत है।