संभल हिंसा के बाद न्यायिक जांच आयोग पर उठे सवाल, सपा नेता बोले- वह भी दर्ज करायेंगे अपना बयान
Sambhal Violence: संभल में बीते साल 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी. इसमें 4 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हो गए थे. जिसकी न्यायिक आयोग ने जांच शुरू कर दी है.

Sambhal News Today: उत्तर प्रदेश के संभल में हालिया दिनों हुई हिंसा की न्यायिक जांच शुरू हो गई है. इसी क्रम में न्यायिक जांच आयोग के सामने अपना बयान दर्ज कराने के लिए समाजवादी पार्टी के नेता फिरोज खान पीडब्लूडी गेस्ट हॉउस पर पहुंचे हैं. इस मौके पर फिरोज खान ने कहा कि हमें सूचना मिली थी कि आज न्यायिक जांच आयोग पहुंचा है और लोग उसके सामने अपनी बात बता सकते हैं.
समाजवादी पार्टी नेता फिरोज खान ने कहा कि इसलिए हम 24 नवंबर को हुई हिंसा के बारे में और संभल के लोगों की परेशानी के बारे में न्यायिक जांच आयोग को बताने के लिए यहां आए हैं. उन्होंने कहा कि अगर हमारे बयान दर्ज किए जाते हैं, तो हम बयान दर्ज करायेंगे और आयोग को अपनी बात बतायेंगे.
जांच आयोग पर गंभीर आरोप
इसके अलावा पीडब्लूडी गेस्ट हॉउस पर संभल की शाही जामा मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष जफर अली एडवोकेट भी पहुंचे. उन्होंने कहा की न्यायिक जांच आयोग की टीम शाही जामा मस्जिद पहुंची थी. एडवोकेट जफर अली ने कहा कि न्यायिक जांच आयोग हम से हिंसा के बारे में कोई बात नहीं पूछी बल्कि शाही जामा मस्जिद के अंदर मौजूद हौज, कब्रों, रास्तों और एक पुराने पेड़ के बारे में पूछा. हमने उन्हें बताया की यह पेड़ दो सौ चार सौ साल पुराना है.
जामा मस्जिद अध्यक्ष ने क्या कहा?
शाही जामा मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष जफर अली ने कहा कि न्यायिक जांच आयोग ने दंगे के बारे में कोई सवाल नहीं किया, वैसे भी मैं आज अपने बयान दर्ज नहीं कराऊंगा बल्कि आज हम अपने बयान के लिए एफिडेविट तैयार करायेंगे. उन्होंने बताया कि अगली बार न्यायिक जांच आयोग एक हफ्ते बाद फिर आएगा, तब हम अपने बयान दर्ज करायेंगे.
इस मौके पर एडवोकेट जफर अली ने कहा कि न्यायिक जांच आयोग हमें अगले हफ्ते समय देने का आश्वासन दिया है. आज न्यायिक जांच आयोग की टीम संभल हिंसा से जुड़े मामले में लोगों के बयान दर्ज करने के लिए शाम चार बजे तक संभल में रहेगी.
सर्वे के दौरान भड़क गई थी हिंसा
बता दें, 24 नवंबर 2024 को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गयी थी, जिसमें कम से कम चार लोगों की मौत हुई थी, जबकि फायरिंग पथराव और आगजनी में लाखों का नुकसान हुआ था. कई पुलिस वाले भी घटना में घायल हुए थे. इस मामले में पुलिस अब तक 70 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.
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