हाथरस केस: देशभर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन, UP को जातीय दंगों की आग में जलाने की साजिश का भी खुलासा
कांग्रेस ने इस खबर को सरकार की नाकामी बताया है. कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि सरकार इस तरह की खबरों के जरिए अपनी नाकामी छिपाने की कोशिश कर रही है.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के हाथरस में कथित गैंगरेप की घटना के खिलाफ आज कांग्रेस कार्यकर्ता देशभर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उधर यूपी की सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि हाथरस के बहाने यूपी को जातीय दंगों की आग में जलाने की साजिश रची गयी. रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस फॉर हाथरस नाम से एक फर्जी वेबसाइट रातों रात बनायी गयी और इसके जरिए जातीय दंगे कराने की साजिश रची गई.
ये भी पता चला है कि मदद के नाम पर हिंसा फैलाने के लिए फंडिंग का भी इंतजाम किया जा रहा था. PFI, SDPI जैसे संगठन जो नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसा में शामिल थे उन्हीं संगठनों ने यूपी में भी हिंसा फैलाने के लिए वेबसाइट तैयार कराने में अहम भूमिका निभाई.
हालांकि कांग्रेस ने इस खबर को सरकार की नाकामी बताया है. कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि सरकार इस तरह की खबरों के जरिए अपनी नाकामी छिपाने की कोशिश कर रही है. अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा, ''मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि हिंसा की साजिश हो रही है. खुद कार्रवाई नहीं कर पा रहे है, अपनी भूमिका पारदर्शी तरीके से नहीं दिखा रहे हैं. कौन उत्तेजक बातें कर रहा है, कौन सभा कर रहा है धारा 144 के बावजूद."
हाथरस पीड़िता की अस्थियों को विसर्जित नहीं करेगा परिवार खेतों में धूल जमने और राजनीतिक रोटियां सेंकने आए राजनीतिक दलों के नेताओं के जाने के घंटों बाद हाथरस पीड़िता के परिवार ने फैसला किया कि वे अपनी बेटी की अस्थियों को तब तक विसर्जित नहीं करेंगे. जब तक कि यह पुष्टि नहीं हो जाती कि वह उनकी बेटी की ही अस्थियां हैं, जिसका पुलिस ने रात में ही अंतिम संस्कार कर दिया था. पीड़िता का अंतिम संस्कार 30 सितंबर को तड़के 3 बजे कर दिया गया था.
पीड़िता के भाई ने कहा, "हमको क्या पता कि वो ही हमारी बहन थी. हमने उसका चेहरा भी नहीं देखा. मैंने अस्थियों को मानवता के आधार पर एकत्र किया क्योंकि यह किसी के पार्थिव शरीर का रहा होगा, अगर मेरी बहन की नहीं है."
आरोप है कि 14 सिंतबर को कथित रूप से ऊंची जाति के चार पुरुषों ने 19 साल की लड़की के साथ दुष्कर्म किया था और पखवाड़े भर बाद उसने दिल्ली के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया. परिवार इस बात से परेशान है कि जिलाधिकारी प्रवीण लक्सर के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिन्होंने कथित रूप से परिवार के साथ दुर्व्यवहार किया और उन्हें धमकी भी दी. उन्होंने कहा, "हमसे मिलने आने वाले हर बड़े शख्स से हमने जिलाधिकारी के बारे में शिकायत की है लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है."
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