Uttarakhand Election: आजाद समाज पार्टी के चीफ चंद्रशेखर आजाद आज उत्तराखंड के दौरे पर रहे. इस दौरान चंद्रशेखर आजाद ने चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के साथ हरिद्वार जनपद के ज्वालापुर विधानसभा में रोड शो कर आसपा के ज्वालापुर विधानसभा के प्रत्याशी एसपी सिंह इंजीनियर के लिए जनता से वोट मांगे. वहीं चंद्रशेखर आजाद की एक झलक पाने के लिए सड़कों पर जनता का सैलाब उमड़ पड़ा. चंद्रशेखर आजाद ने बीजेपी और कांग्रेस पर जोरदार हमला करते हुए कहा बीजेपी झूठी है और झूठों का भरोसा करना यानी अपने बच्चों की तरक्की के रास्तों को बंद कर देना है. अगर बीजेपी ने सही में काम किया होता तो आज धर्म के नाम पर, राम के नाम पर वोट नहीं मांगने पड़ते.


विपक्षियों पर जमकर बोला हमला 


उन्होंने कहा कि बीजेपी ने सिर्फ जनता को ठगने का काम किया है. जनता इंतजार कर रही है कब 14 तारीख का दिन आएगा और कब हम प्रखंड में बीजेपी को सबक सिखाएंगे. वहीं कांग्रेस पार्टी पर भी जोरदार हमला करते हुए चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि चाहे कांग्रेस की सरकार हो या बीजेपी की सरकार हो दोनों ही पार्टियों ने सिर्फ जनता को ठगने का काम किया है. 


अपने प्रत्याशी के मांगे वोट


अब यहां के लोग इनकी ठगी में नहीं आएंगे. अब आजाद समाज पार्टी के द्वारा अपने आप को ताकतवर बनाएंगे. आजाद समाज पार्टी को जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है. इस समर्थन से सभी पार्टियों की नींद हराम हो रखी है. चंद्रशेखर आजाद ने अपने बड़े भाई रूपी एचपी सिंह इंजीनियर के लिए वोट मांगते हुए कहा, मैं हर उस व्यक्ति के लिए वोट मांग रहा हूं जिसको इस लोकतंत्र में ठगा गया है. अगर एसपी सिंह विधायक बनते हैं तो एसपी सिंह के साथ-साथ ज्वालापुर विधानसभा का हर एक व्यक्ति विधायक बनेगा. एचपी सिंह पढ़े लिखे व्यक्ति हैं. जब कांग्रेस की सरकार बनी थी तो उनका मेनिफेस्टो एस पी सिंह द्वारा ही बनाया गया था.


चंद्रशेखर आजाद ने की घोषणा


चंद्रशेखर आजाद ने घोषणा करते हुए कहा कि अबकी बार इंडस्ट्रियल एरिया ज्वालापुर विधानसभा में लगेगा और यहां के युवाओं को रोजगार मिलेगा. हमारे करनी और कथनी में फर्क नहीं है. नफरत की सियासत को बंद करेंगे और भाईचारे की सियासत को आगे बढ़ाएंगे. मुद्दों पर काम होगा. हम धर्म और सांप्रदायिक राजनीति का बहिष्कार करेंगे. आपको याद होगा हरिद्वार में हुई धर्म संसद में एक विशेष को अपमानित किया गया था और सारे नेता बिल में घुसकर बैठे थे. अगर कोई लड़ रहा था तो वह भीम आर्मी थी. मुकदमा किस पर हुए भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं पर हुए, और आपकी हक की लड़ाई भी हम ही लड़ने का काम करेंगे. दोनों ही पार्टी ने दलित-मुस्लिम समुदाय के लोगों पर कोई भी ध्यान नहीं दिया है. अगर ध्यान देते तो उत्तराखंड में यह हालत ना होती.


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