वाराणसी: कलंदर की आवाज से भागे स्टेशन के बंदर, यात्रियों ने ली चैन की सांस
वाराणसी कैंट स्टेशन पर बंदरों के आतंक को देखते हुए कलंदर की तैनाती की गई है. कलंदरों की नियुक्ति के बाद लोगों को बंदरों से निजात मिली है.
वाराणसी. कैंट स्टेशन पर बंदरों के आतंक से यात्रियों को निजात मिल गई है. स्टेशन से बंदरों को भगाने में कलंदर की आवाज का खासा हाथ है. वाराणसी के कैंट स्टेशन पर तैनात विशेष प्रकार की आवाज निकालकर बंदरो को भगाने वाला कलंदर लोगों के आकर्षण का केंद्र बन रहा है. कलंदर की खास आवाज निकालने की कला के कारण स्टेशन पर तैनात किया गया है.
दरअसल, वाराणसी के नौ प्लेटफॉर्म पर बंदरों का आतंक बदस्तूर जारी था. यात्री लगातार रेलवे प्रशासन से बंदरों से छुटकारे की गुहार लगा रहे थे. शिकायतों को देखते हुए वाराणसी के कैंट स्टेशन में लखनऊ मंडल को कलंदर रखने का प्रस्ताव भेजा था जिसके बाद वाराणसी के स्टेशन पर बंदर भगाने के लिए कलंदर की नियुक्ति की गई है.
80 हजार लोग करते हैं यात्रा बता दें कि वाराणसी के कैंट स्टेशन से रोजाना लगभग 80 हजार यात्री यात्रा करते हैं. लिहाजा स्टेशन पर ट्रेनों का परिचालन भी बड़ी संख्या में होता है और यात्रियों की संख्या भी स्टेशन पर काफी रहती है, लेकिन बंदरों के आतंक ने यात्रियों को भयभीत कर रखा था. यात्रियों का सामान छीनकर भागना आम हो गया था. इसकी शिकायत यात्रियों द्वारा लगातार रेलवे प्रशासन से की जाती थी.
उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल को कैंट स्टेशन निदेशक ने पत्र भेजकर कलंदर नियुक्त करने के लिए प्रस्ताव भेजा था जिसके बाद वाराणसी के कैंट स्टेशन पर कलंदर नियुक्त कर दिए गए हैं. कलंदरों की नियुक्ति के बाद यात्रियों ने चैन की सांस ली है. वहीं, रेलवे विभाग को भी लगातार आ रही बंदरों की शिकायत से मुक्ति मिली है.
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