Uttarakhand News: उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के बिसौली तहसील के ग्राम नूरपुर के रहने वाले धीरज और तेजपाल ने तीन साल पहले अपनी मां राजेश्वरी देवी के को पालकी में बैठाकर चार धाम यात्रा करने का निर्णय लिया था.लेकिन तेजपाल की पढ़ाई चल रही थी, जब तेजपाल की 12वीं की पढ़ाई पूरी हो गई. पढ़ाई पूरी होने के बाद 18 फरवरी 2024 को ग्राम नूरपुर से ही अपनी मां को पालकी बैठकर दोनों भाई चार धाम यात्रा करने निकले, और 8 मार्च को हरिद्वार पहुंच गए.
यहां से चार धाम के लिए रवाना हो गए और 10 मई को यमुनोत्री, 26 मई गंगोत्री, 13 जून को केदारनाथ, 29 जून को बद्रीनाथ में दर्शन करने के वापस 18 जुलाई को हरिद्वार पहुंच गए, यहां से अयोध्या के लिए रवाना हो गए.अयोध्या पहुंचकर प्रभु श्रीराम के दर्शन के बाद अपनी यात्रा का समापन करेंगे.यात्रा के दौरान जगह जगह इनको फूल मालाओं से स्वागत कर दोनों भाईयों को कलयुग का श्रवण कुमार बता रहे हैं.
अपनी मां को इन प्रमुख मंदिरों के दर्शन कराए
दोनों भाईयों ने अपनी माता राजेश्वरी देवी को उत्तराखंड के मनसा देवी, नीलकंठ, सुरकंडा देवी, गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ एवं बद्रीनाथ मंदिर के दर्शन कराएं.चार धाम यात्रा पूरी करने के बाद 18 जुलाई को दोनों भाई अपनी मां राजेश्वरी देवी के साथ अयोध्या धाम की यात्रा के लिए रवाना हो गए.
यात्रा को लेकर क्या बोले धीरज
एबीपी लाइव से बातचीत करते हुए धीरज बताया कि तीन चार साल पहले हमने इस यात्रा की योजना बनाई थी. लेकिन तेजपाल की पढ़ाई चल रही थीं. इसलिए 12 वीं पढ़ाई पूरी होने के बाद अब 18 फरवरी 2024 को घर से अपनी मां को पालकी पर बैठाकर चार धाम की यात्रा करने निकले थे. अगर हमारे पिता जीवित होते तो उनको भी पालकी पर बैठाकर ले जाते. चार धाम यात्रा पूरी करने के बाद हमने अयोध्या धाम की यात्रा करने का निर्णय लिया. 18 जुलाई को हरिद्वार से अयोध्या धाम की यात्रा पर निकल गए.अयोध्या धाम में भगवान श्री राम के दर्शन के उपरांत हमारी यात्रा का समापन होगा.
(ऊधम सिंह नगर से वेद प्रकाश यादव की रिपोर्ट)
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