KS Bhagwan News: कन्नड़ भाषा के मशहूर लेखक केएस भगवान ने राम और मां सीता को लेकर विवादित टिप्पणी की है. इनके द्वारा कहा गया है कि वाल्मीकि रामायण में लिखा है कि भगवान राम हर रोज सीता के साथ बैठकर शराब का सेवन करते थे. इस बयान के बाद लेखक केएस भगवान का हर तरफ विरोध हो रहा है साधु संत भी इस बयान पर काफी आक्रोशित नजर आ रहे हैं. निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी का कहना है कि बिहार का शिक्षा मंत्री हो या यह महाशय जिनके द्वारा राम और सीता पर विवादित बयान दिया गया है इनको साधू सन्यासियों के पास आकर ग्रंथों के बारे में शिक्षा लेनी चाहिए. 


आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी ने कहा कि इस तरह के लोग जितने भी पढ़े लिखे हो मगर ऐसे बयान से लगता है कि उनकी डिग्री भी फर्जी ही है. इनका कहना है कि भारत की अस्मिता और प्रभुता से मजाक नहीं करनी चाहिए देश की जनता ऐसे लोगों को कभी भी बर्दाश्त नहीं करेगी. ऐसे लोगों को हमेशा अपमान सहन करना पड़ेगा क्योंकि राम मर्यादा पुरुषोत्तम थे. उन्होंने कभी भी मर्यादा का उल्लंघन नहीं किया राम गंगा यमुना सरयू का जल और साधु संत के चरणों के रज को पी सकते हैं मगर शराब का सेवन कभी नहीं कर सकते राम के बारे में गलत सोचना भी नर्क में जाने का महापाप है.


इसके पीछे बड़ा षड्यंत्र चल रहा


वहीं धर्माचार्य डॉ स्वामी संतोष गिरी शास्त्री का कहना है कि कुछ लोग अपनी प्रसिद्धि पाने के लिए सनातन धर्म के बारे में विवादित बयान दे रहे हैं. इसके पीछे बड़ा षड्यंत्र चल रहा है कभी कोई राम चरित्र मानस और कभी वेदों पर प्रश्नचिन्ह उठा रहे हैं. इसको देखते हुए हिंदू समाज को एकत्रित होना चाहिए, इनका कहना है कि भारत सरकार इसका संज्ञान ले क्योंकि इससे सनातन परंपरा से जुड़े हुए लोगों की भावना आहत होती है. जिनको हमारी सनातन परंपरा और संस्कृति का ज्ञान नहीं है और वो इस तरह के बयान देते हैं उनको गिरफ्तार कर जेल भेजना चाहिए.


रामसेतु के भी मांगे थे प्रमाण


इसके साथ ही महंत गंगा दास उदासीन का कहना है कि ऐसे लोग झूठ बोलते हैं. इनके पास किसी भी बात का प्रमाण नहीं होता ऐसे कई लोगों द्वारा बोला गया था कि रामसेतु का कोई प्रमाण नहीं है यह सिर्फ इस तरह के बयान देकर अपना नाम बनाना चाहते हैं.


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