(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
UP News: 'परिवारवादी लोगों का गठबंधन', पाकिस्तान का जिक्र कर बीजेपी सांसद ने सपा-कांग्रेस पर साधा निशाना
Subrat Pathak on SP Congress Alliance: बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक टिकट मिलने के बाद चुनाव प्रचार में जुट गए हैं. उन्होंने CAA को लेकर चल रहे विरोध पर विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा.
Auraiya News: लोकसभा चुनाव को लेकर अब कुछ ही दिन बचे है. कई पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारा तो प्रत्याशी भी जनता के बीच पहुंचने लगे. ऐसे में कन्नौज लोकसभा की एक विधानसभा सीट औरैया जिले की बिधूना विधानसभा है जहाँ वर्तमान सांसद और प्रत्याशी सुब्रत पाठक ने अखिलेश यादव सहित बसपा पर बयानबाजी करते हुए जमकर निशाना साधा.
बीजेपी से कन्नौज सांसद प्रत्याशी सुब्रत पाठक ने कहा जनता अच्छे से समझ चुकी है भाजपा क्या चाहती है और अखिलेश क्या चाहते हैं उनका गठबंधन परिवारवादी लोगों का गठबंधन है. यह चाहते हैं पाकिस्तान की तरह भारत भी इस्लामिक राष्ट्र हो जाए. वह भाजपा होने नहीं देगी. देश की जनता अच्छी तरीके से समझ रही है. सुब्रत पाठक ने कहा कांग्रेस में जो कुछ नेता बचे हैं जनाधार वाले वो (अजय कपूर) भी चले गए हैं अब बचा ही कांग्रेस में क्या है.
'वोट के लिए चलवाई गोली'
सुब्रत पाठक ने कहा अखिलेश यादव उस चीज को समझ नहीं सकते हैं जो केवल विशेष वोट के लिए राम भक्तों पर गोलियां चलवा देते है. जिनके राज्य में दंगे होते हैं विशेष कर माफियाओं को बढ़ावा दिया जाता है तो वह इस बात को समझ नहीं सकते है. उनको यह पीड़ा समझ में नहीं आएगी. पाकिस्तान में रह गए अल्पसंख्यक बांग्लादेश में रह गए. अल्पसंख्यक जो हिंदू है, सिख है,बौद्ध है, ईसाई है,जैन है इन लोगों को वहां पर किस तरीके से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
'अखिलेश वोट बैंक की करते है राजनीति'
आजादी के समय पाकिस्तान में अल्पसंख्यक की 27 प्रतिशत आबादी थी. वह आज वह एक दो परसेंट कैसे रह गई. क्या कारण है. उनको यह पीड़ा कभी समझ में नहीं आएगी. क्या कारण है जब धर्म के साथ-साथ मर्यादा भी नहीं रहती है. उनकी बहू बेटियों पर आक्रमण होते है. किस प्रकार कष्ट होते है. इन चीजों की पीड़ा कभी अखिलेश के समझ में नहीं आती. वह केवल वोट की राजनीति करना जानते है.
'जनता खुद ही समझदार है'
सुब्रत पाठक ने कन्नौज लोक सभा से अखिलेश यादव एवं मायावती के सामने आने पर कहा इसमें कुछ नया नहीं है. 2009 में जब चुनाव लड़ा था तो अखिलेश यादव थे. 2014 में अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे. उनकी पत्नी डिंपल यादव लड़ी. मतलब अखिलेश और डिंपल यादव दोनों से लड़ा. 2019 में मायावती अखिलेश यादव का गठबंधन था तो मैं अखिलेश यादव मायावती और डिंपल तीनों से लड़ा. अब तो अखिलेश यादव एवं मायावती अलग-अलग लड़ रहे है. जनता खुद ही समझदार है.
'CAA पर राजनीति हो रही'
CAA को लेकर सांसद बोले पाकिस्तान अफगानिस्तान बांग्लादेश तमाम सारे देशों में अल्पसंख्यक है. जो इस्लाम स्वीकार नहीं करना चाहते तो वहां पर प्रताड़ित है. उनकी बहू बेटियों सुरक्षित नहीं है ऐसे लोग हिंदुस्तान आना चाहते हैं तो हिंदुस्तान आ सकते हैं. यह प्रावधान बंटवारे के समय पर भी था. महात्मा गांधी भी कहते थे. पंडित जवाहरलाल नेहरू भी कहते थे. लेकिन वह तमाम सारे लोग हिंदुस्तान आ गए. आज उनको जब हिंदुस्तान की नागरिकता मिल गई है. तो उसके ऊपर कोई सवाल खड़ा करता है तो उसकी राजनीति है.
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