कन्नौज: उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में डॉक्टरों और अस्पताल स्टाफ की लापरवाही के चलते एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई. मामला शहर के विनोद दीक्षित चिकित्सालय का है. यहां देर रात एक बेटा ठेले पर लादकर बीमार मां का इलाज कराने पहुंचा था. अस्पताल के गेट पर बीमार बुजुर्ग महिला का परिवार इलाज के लिए गुहार लगाता रहा लेकिन इतने बड़े सरकारी अस्पताल में बने इमरजेंसी वार्ड में ना तो डॉक्टर थे और ना ही अस्पताल का स्टाफ.


 ठेले पर लादकर मां को अस्पताल लेकर पहुंचा बेटा 
मृतक बुजुर्ग महिला के पेट में दर्द था. बेटा अपनी मां की जान बचाने के लिए ठेले पर लादकर सरकारी अस्पताल पंहुचा था. पीड़ित परिवार अस्पताल के गेट पर इलाज के लिए गुहार लगा रहा था लेकिन अस्पताल में डॉक्टर नहीं थे सिर्फ एक वार्ड बॉय मौजूद था. उसने बताया कि डॉक्टर इमरजेंसी वार्ड में नहीं हैं, घर गए है. मीडिया ने जब मामले में हस्तक्षेप किया तो डॉ ब्रजेश शुक्ल मौके पर आ गए. 


मीडिया कर्मियों पर भड़के डॉक्टर 
हैरान करने वाली बात तो ये थी कि डॉक्टर के सामने ही महिला को स्ट्रेचर नहीं मिला. इस पर जब डॉक्टर से पूछा गया तो डॉक्टर साहब मीडिया कर्मियों पर ही भड़क गए. मृतक महिला के बेटे दीपक ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगते हुए कहा कि गंभीर हालत में उसकी मां को घंटों तक भटकाया गया. 108 एम्बुलेंस के लिए कई घंटे इंतजार किया बमुश्किल जब एम्बुलेंस आई तो मां को राजकीय मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया. मेडिकल कॉलेज में मां को ऑक्सीजन नहीं मिला जिससे उनकी मौत हो गई. दीपक ने आरोप लगाते हुए कहा की अगर उसकी मां को सही समय पर इलाज मिल जाता तो वो बच जाती. दीपक अब न्याय के लिए डीएम को प्राथना पत्र देगा.  


लापरवाही का आरोप 
मृतक महिला के बेटे ने डाक्टरों और लचर स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इन आरोपों को लेकर जब विनोद दीक्षित चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ महेंद्र भान से पूछा गया तो उन्होंने खुद इस बात को स्वीकार किया कि एम्बुलेंस देरी से आई. इतना ही नहीं उन्होंने डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ को बचाने के लिए पूरे मामले को ही घुमा दिया.  


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