'रोटी-फलों पर थूका जाता है...', योगी सरकार के कांवड़ यात्रा के फैसले पर बोले BJP के पूर्व सांसद
Kanwar Yatra Controversy: कांवड़ यात्रा के रूट में होटल ढ़ाबों और फल दुकानों पर स्पष्ट रूप से नाम लिखने के योगी सरकार के आदेश पर कन्नौज से पूर्व सांसद सुब्रत पाठक की प्रतिक्रिया सामने आई है.
UP News: उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के रूट में होटल, ढाबों और फल दुकानों पर स्पष्ट रूप से नाम लिखने के योगी सरकार के आदेश पर सियासत तेज है. इस मामले को लेकर प्रदेश में जमकर राजनीति की जा रही है. योगी सरकार के इस आदेश पर बीजेपी नेता और कन्नौज के पूर्व सांसद सुब्रत पाठक की प्रतिक्रिया सामने आई है. सुब्रत पाठक ने यूट्यूब पर वीडियो जारी कर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
पूर्व सांसद सुब्रत पाठक ने वीडियो संदेश जारी कर कहा कि, उत्तर प्रदेश में कावंडियों के मार्ग पर पड़ने वाली दुकानों में नाम प्रदर्शित करने के आदेश को घृणा के तौर पर प्रसारित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ये किसी धर्म विशेष से के प्रति घृणा का मुद्दा नहीं है. बल्कि ये आस्था का मुद्दा है. ये मुद्दा हमारी हिंदू आस्था से जुड़ा हुआ मुद्दा है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार मुसलमानों के सबसे पवित्र तीर्थ स्थल मक्का में गैर मुस्लिम का प्रवेश वर्जित है. उन्होंने कहा कि कावंड़ियों के रास्त में विभिन्न संप्रदाय के लोगों की दुकानें पड़ती हैं. उन्होंने कहा कि हमें मुसलमानों की दुकानों से कोई दिक्कत नहीं है.
"नाम बदलना छल से कम नहीं है"
उन्होंने कहा कि कई बार धोखा होता है, जब आस्था को चोट लगती है तो कहीं न कहीं आस्था को बहुत बड़ा नुकसान होता है. साथ ही ऐसे में कई बार स्थितियां खराब होता हैं और व्यवस्थाओं को चुनौती मिलती है. उन्होंने सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो का हवाला देते हुए कहा कि कई बार देखा जाता है कि समुदाय विशेष लोगों द्वारा रोटी पर थूंका जाता है. फलों के ऊपर थूंका जाता है. ऐसे तमाम वीडियो इंटरनेट पर वायरल हुए हैं. उन्होंने सरिया कानून का हवाला देते हुए कहा कि थूकने से प्यार बढ़ता है ये सरिया में जायज है लेकिन ये सरिया मानने वालों के लिए जायज है. नाम बदलकर किसी की आस्था को चोंट पहुंचाना निश्चित रूप से वो अपने आपको छला हुआ महसूस करता है.
उन्होंने कहा कि ऐसा देखने में आया कि मुस्लिम समाज के लोग हिंदू देवी-देवताओं के नाम पर अपने दुकान का नाम रखते हैं. साथ ही अपनी पहचान भी छिपाते हैं. उन्होंने कहा कि चाहे लव जिहाद हो, सोशल मीडिया जिहाद हो अब तो भोजन में भी जिहाद शुरू हुआ है. उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ के इस आदेश को मजबूत और सही निर्णय बताया है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को किसी धर्म संप्रदाय से जोड़कर न देखा जाए.
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