UP News: कन्नौज (Kannauj) के नरुइया गांव में पूर्व प्रधान अरुण शाक्य (Arun Shakya) की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. परिजनों का हाल लेने सपा शुक्रवार को अपना प्रतिनिधिमंडल भेज रहा है जिसमें एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya), पूर्व विधायक अनिल दोहरे, अरविंद सिंह यादव और पूर्व एमएलसी पंपी जैन और जिलाध्यक्ष कलीम खान शामिल हैं. वहीं, सपा के इस प्रतिनिधिमंडल पर बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक (Subrat Pathak) ने कटाक्ष किया है. 


सुब्रत पाठक ने कहा, 'सपा के कार्यकर्ताओं द्वारा बीजेपी के कार्यकर्ता और पूर्व प्रधान अरुण शाक्य की बंधक बनाकर पीट-पीटकर निर्मम हत्या की गई थी. अच्छा है देर से ही सही कम से कम सपा को ज्ञान तो आया है. जिस प्रकार से पिछले दिनों कानपुर में पुलिस कस्टडी में हुई मौत मामले में हमारी सरकार कठोर कार्रवाई कर रही है, उस परिवार का सांसद देवेंद्र सिंह भोले का परिवार मदद कर रहा है. उसके बावजूद अखिलेश यादव वहां पर राजनीति करने के लिए पहुंच गए. जबकि कन्नौज से अखिलेश यादव खुद सांसद रहे हैं. उनके पिता और पत्नी भी सांसद रही हैं. उनको यहां पर आने का समय नहीं था. एक प्रतिनिधि मंडल भेज रहे हैं. उन्होंने आज तक नहीं कहा कि मारने वाले समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता हैं या नहीं. उन्होंने आज तक यह नहीं कहा कि उनको समाजवादी पार्टी से निकाल दिया गया है. उनकी मूक मदद की जा रही है. उसके बावजूद यहां पर राजनीति करने आ रहे है.' 


अरुण के परिवार को वकील दिलाएं अखिलेश यादव - सुब्रत पाठक


सांसद सुब्रत पाठक ने हमलावर अंदाज में कहा, 'निश्चित रूप से यह असहिष्णुता की सबसे बड़ी घटनाओं में से एक है. हत्यारे पूर्व प्रधान को मारते हुए कह रहे थे कि वह बहुत बड़ा भाजपाई बनता है. यह मैं नहीं उनकी माता जी का बयान है जो मौके पर थीं. सांसद ने मांग की है कि अखिलेश यादव तत्काल बयान दें कि उनको पार्टी से निकाला जा रहा है और भविष्य में उनकी कोई मदद नहीं होगी. साथ ही साथ सपा वकीलों को तैयार करें और अरुण की मदद के लिए वकीलों लगाएं. लोगों को दिखाई पड़े जनता को दिखाई पड़े तो अच्छा होगा. नहीं तो जिस प्रकार से मूक मदद कर रहे हैं, मूक मदद करते रहेंगे. भविष्य में मौका मिलने पर जेल से छुड़वा देंगे. जैसे पूर्व में नीरज मिश्रा हत्याकांड में हो चुका है.'


ये भी पढ़ें -


UP Corona Update: यूपी सरकार का बड़ा फैसला, मास्क लगाना होगा अनिवार्य, ब्रजेश पाठक ने दिया आदेश