UP News: यूपी के कन्नौज (Kannauj) जिले में आलू उत्पादक (Potato Producer) किसानों की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं. पहले बेमौसम बारिश के कारण कच्ची फसल तबाह हुई और अब फफूंदी नाशक दवा के रिएक्शन से सैकड़ों बीघे खेत में आलू का बीज खेत के अंदर ही नष्ट होने लग गया. किसानों ने इसकी शिकायत जिला कृषि अधिकारी से की है. शिकायत मिलने पर कृषि अधिकारी ने बीज का सैंपल लेकर दवा बेचने वाली दो दुकानों का लाइसेंस निलंबित कर जांच शुरू कर दी है.


इन गांव के किसानों को हुआ नुकसान


कन्नौज जिले में आलू पारम्परिक खेती है. इसका उत्पादन भी बड़ी मात्रा में होता है. आलू की बुवाई से पहले फफूंदी नाशक दवा लेकर आलू के बीज का शोधन किया जाता है ताकि बुवाई के बाद बीज में फफूंदी न लगे. इसके लिए कन्नौज में मानीमऊ क्षेत्र के तिखवा, मोचीपुर, सकरी खुर्द, तारमऊ गढ़ी, अब्दुलपुर, लक्ष्मणपुर, यासीनपुर, मुसाफिरपुर, तेरामल्लू, खुरर्मपुर, आनंदीपुरवा, लीलापुरवा, दंडौराखुर्द और टिकुरियनपुरवा गांव के किसानों ने क्षेत्र की दो दुकानों से कीटनाशक दवाई खरीदी थीं. बीज शोधन कर आलू की बुवाई की गई तो काफी समय बाद भी खेतों में बीज अंकुरित नहीं हुआ.


मिट्टी की खुदाई से पता चली सच्चाई


किसानों ने खेत में जाकर मिट्टी की खुदाई की तो बीज अंकुरित नहीं दिखे. कुछ खेतों में बीज सड़ चुका था जिसको देखकर किसानों के माथे पर पसीना आ गया. किसानों ने बताया कि उन लोगों ने ज्यादातर दो ही कंपनियों के दवाइयों का इस्तेमाल किया है जिसके बाद खेत में अंकुरित होने की बजाय बीज नष्ट होने लग गया. तिखवा गांव के रहने वाले किसान सुशील कटियार की 15 बीघा के बोई गई आलू की फसल नष्ट हो गई. स्थानीय किसानों संजीत कटियार, विजय दोहरे, राकेश कटियार और वीरू ने भी खेत में फसल नष्ट होने की बात बताई है. 


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